अन्तर्राष्ट्रीय
संत के माता-पिता को ‘संत’ की उपाधि देंगे पोप फ्रांसिस
वेटिकन सिटी| पोप फ्रांसिस रविवार को 19वीं सदी की फ्रांसिसी संत थेरेज के माता-पिता को भी ‘संत’ की उपाधि से विभूषित (कैनोनाइज) करेंगे। इसके लिए वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वायर में समारोह का आयोजन किया जाएगा।
कैथोलिक चर्च के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब किसी विवाहित दम्पति को एक साथ संत का दर्जा दिया जाएगा।
थेरेज के माता-पिता लुईस और जेली मार्टिन की मुलाकात वर्ष 1858 में हुई थी। लुईस पादरी बनने में नाकाम रहे थे, जबकि जेली नन बनने में विफल रही थीं। दोनों ने उसी साल शादी कर ली और उनके नौ बच्चे हुए, जिनमें थेरेज सबसे छोटी थी।
मार्टिन दम्पति जीवनभर परोपकार कार्य करते रहे और बीमार तथा वृद्धों की सेवा करते रहे।
जेली का 45 वर्ष की उम्र में 1877 में स्तन कैंसर से निधन हो गया। पत्नी की मौत के बाद लुईस ने अपने पांच बच्चों को अकेले ही पाला। दो बड़े हृदयाघातों के बाद 70 वर्ष की उम्र में 1894 में लुईस का भी निधन हो गया।
थेरेज 15 वर्ष की उम्र में नन बन गईं। 24 वर्ष की उम्र में 1897 में तपेदिक से उनका निधन हो गया।
पोप सेंट पायस एक्स ने थेरेज को ‘आधुनिक दौर की महानतम संत’ का दर्जा दिया था।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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