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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन : उप प्रधानमंत्री का सिंगापुर दौरा संपन्न, घनिष्ठ सहयोग का संकल्प

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सिंगापुर। चीन के उप प्रधानमंत्री झांग गाओली की सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा बुधवार को संपन्न हो गई। इस यात्रा के दौरान उन्होंने चीन और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई। सिंगापुर में अपने 48 घंटों से भी कम समय के प्रवास के दौरान झांग ने सिंगापुर के राष्ट्रपति टोनी टान केंग याम, प्रधानमंत्री ली सीन लुंग, उप प्रधानमंत्रियों तेओ ची हीन और थर्मन शानमुंगारत्नम से मुलाकात की।

झांग ने कहा कि चीन और सिंगापुर के समक्ष अनेक अवसर हैं, क्योंकि दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों के 25 साल पूरे हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य जुलाई में बीजिंग में चीन और सिंगापुर के राष्ट्रपतियों के बीच हुई बैठकों में बनी सहमतियों को लागू करना है। झांग ने सिंगापुर को ‘चीन का महत्वपूर्ण साझेदार एवं विशेष मित्र’ बताते हुए कहा कि चीन हमेशा से ही सिंगापुर के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लंबी अवधि के लिए बढ़ाना चाहता है।

उन्होंने कहा कि चीन सिंगापुर के साथ करीबी उच्चस्तरीय आदान-प्रदान को बनाए रखना, आपसी विश्वास को बढ़ाना, सहयोग की संभावनाओं की खोज, अर्थव्यव्स्था एवं व्यापार, निवेश, वित्त, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, मानव संसाधन और सामाजिक शासन में सहयोग को बढ़ाना चाहता है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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