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उप्र : कोहरे के कारण राजधानी में रेल, हवाई यातायात बाधित

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में घने कोहरे के कारण लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी रेल एवं हवाई यातायात बाधित हुआ। लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में अहले सुबह घने कोहरे की वजह से दृश्यता शून्य रही। अधिकारियों ने बताया कि कई उड़ानों के आगमन और चारबाग रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ियों के आगमन में देरी हुई। मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिनों तक राज्य में घने कोहरे का प्रकोप बरकरार रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।

राज्य में शुक्रवार को भी घने कोहरे और कम दृश्यता के कारण अमौसी हवाईअड्डे पर कई उड़ानें बाधित हुईं। दिल्ली से लखनऊ की एक उड़ान रद्द कर दी गई, जबकि छह से भी ज्यादा उड़ानों में कई घंटों की देरी हुई।

नई दिल्ली से लखनऊ जाने वाली स्पाईस जेट की सुबह वाली उड़ान शुक्रवार को रद्द कर दी गई, जबकि दिल्ली से आने वाली जेट कोनेक्ट एवं एयर इंडिया की उड़ानें एवं पटना से आने वाली इंडिगो की उड़ान कई घंटे देर से गंतव्य पर पहुंची। उत्तर रेलवे एवं उत्तर-पूर्व रेलवे यातायात भी घने कोहरे के कारण बाधित रहा। ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस, गरीब रथ, उत्सर्ग एक्सप्रेस, कोटा-पटना एक्सप्रेस, अवध-असम एक्सप्रेस, लखनऊ-फैजाबाद पैसेंजर, प्रयाग-बरेली पैसेंजर, त्रिवेणी एक्सप्रेस, नौचिंदी एक्सप्रेस और लखनऊ-चंडीगढ़ एक्सप्रेस सहित कई रेलगाड़ियां कई-कई घंटों की देर से चलीं।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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