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प्रादेशिक

शरद ऋतु ने दी दस्तक

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बीजिंग। चीन में हालांकि गर्मियां अब भी हैं, लेकिन चंद्र कैलेंडर के मुताबिक, शनिवार से यहां शरद ऋतु का आगमन हो गया है।

चंद्र कैलेंडर साल को 24 सौर अवधियों में विभाजित करता है। आज आठ अगस्त है, इसका अर्थ है कि आज से 13वीं सौर अवधि की शुरुआत हो गई है। सरल शब्दों में कहें तो चीन में शरद ऋतु का आगमन हो गया है। लेकिन शरद ऋतु का मतलब यहां ठंडक भरे मौसम से नहीं है। चीन में सितंबर के मध्य तक अक्सर तापमान उच्च बना रहता है और इस अवधि को यहां ‘ऑटम टाइगर’ कहा जाता है।

चंद्र कैलेंडर में प्रत्येक सौर अवधि निश्चित परंपराएं और रीति-रिवाज लिए होती हैं। इस ऋतु की शुरुआत में आम तौर पर तैलीय और मांसाहारी भोजन करने की परंपरा है। इसे चीनी भाषा में ‘ते क्यू बायो’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है, ‘शरद ऋतु में पोषणयुक्त भोजन करना’। ऐसा इसलिए, क्योंकि अधिकतर चीनी लोगों को गर्मियों में भूख कम लगती है और वे हल्का भोजन करते हैं। लेकिन ठंड के मौसम में भूख बढ़ जाती है और लोग अधिक भोजन कर इसकी क्षतिपूर्ति कर लेते हैं।

चीन में एक अन्य परंपरा ‘केन क्यू’ यानी ‘शरद में काटना’ है। इसमें तरबूज और आडू जैसे गर्मियों के फलों का मौसम समाप्त होने से पहले इन्हें खाना शामिल हैं। यह परंपरा शरद ऋतु की ठंडक को अपनाने और गर्मी की ऊष्मा को दूर करने का प्रतीक है। कई लोगों का यह भी मानना है कि इन फलों को खाने से मौसमी बदलाव से होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। इस दौरान तिल, चावल, शहद और नाशपाती खाने की परंपरा भी है। माना जाता है कि ये फल फेफड़ों की सुरक्षा करते हैं।

 

उत्तर प्रदेश

यूपी के मिर्जापुर में भीषण गर्मी का कहर, चुनाव ड्यूटी पर लगे 13 कर्मचारियों की मौत से मचा हड़कंप

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मिर्जापुर। यूपी के मिर्जापुर में चुनाव ड्यूटी में लगे 13 मतदान कर्मियों की मौत से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है सभी की मौत भीषण गर्मी की वजह से हुई है। यहां स्थित मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने यह जानकारी दी। मिर्जापुर स्थित मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजबहादुर कमल कहा कि मृतकों में सात होमगार्ड जवान, तीन सफाई कर्मचारी, सीएमओ कार्यालय में तैनात एक लिपिक, एक चकबंदी अधिकारी और होमगार्ड टीम का एक चपरासी शामिल है।

जिले में एक जून काे मतदान कराने के लिए नगर के पॉलिटेक्निक परिसर से फोर्स के साथ पोलिंग पार्टियों को रवाना किया जा रहा था। दोपहर दस बजे के बाद अचानक होमगार्ड्स, सिपाही, पीएसी के जवान व पैरामिलिट्री के कुछ जवान गश्त खाकर गिरने लगे। कोई पोलिंग पार्टी के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचकर बेहोश हो गया। देखते ही देखते वह कोमा में चले गए। यह देख तत्काल वहां मौजूद अन्य लोग जवानों को लेकर अस्पताल पहुंचे। दोपहर दो बजे तक करीब 30 होमगार्ड्स, पीएसी व सीआरपीएफ के जवान भर्ती किए जा चुके थे।

वहीं, शाम चार बजते बजते 40 जवान भर्ती कर लिए गए। इसमें सात होमगार्ड्स के जवानों की मौत हो गई। मृतकों में गोंडा के बच्चाराम, प्रयागराज के त्रिभुवन सिंह, बस्ती के रहने वाले सत्य प्रकाश, गोंडा के रहने वाले रामजियावन, सिकंदरपुर महगांव कछार कौशांबी के रामकरन शामिल है। इनके अलावा भी 6 लोगों की मौत हुई है।

 

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