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मुख्य समाचार

सपा नेता ने याकूब की पत्नी को सांसद बनाने की उठाई मांग, पद से हटाए गए

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नई दिल्ली। मुंबई बम धमाकों के आरोपी याकूब मेमन की फांसी के बाद भी राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। मुंबई में समाजवादी पार्टी के नेता ने याकूब मेमन की पत्नी राहीन को सांसद बनाने की मांग की। इस नेता ने अपनी इस विवादित मांग को लेकर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को एक पत्र भी लिखा। हालांकि उनकी इस मांग पर विवाद छिड़ते ही सपा ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी और उनके पद से हटा दिया।

समाजवादी पार्टी की मुंबई इकाई के उपाध्यक्ष मोहम्मद फारुक घोसी ने विवादित बयान देते हुए याकूब मेमन की पत्नी राहीन को सांसद बनाने की मांग की। इसको लेकर उन्होंने एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह को चिट्ठी भी लिखी। चिट्ठी में उन्होंने लिखा कि आप एक नेता हैं और आप गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए जाने जाते हैं। मेरे मुताबिक याकूब की पत्नी राहीन को इस समय मदद की जरूरत है और वह भारत में दयनीय हालत में अपनी जिंदगी गुजार रही है, हमें इन औरतों की मदद करनी चाहिए। अपने सिफारिशी पत्र में सपा नेता ने लिखा कि मुंबई बम धमाके के मामले में याकूब के साथ उसकी पत्नी को भी गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद फिलहाल राहीन को बरी कर दिया गया था। इसके बावजूद वह कई सालों तक कई सालों तक जेल में रही। सपा नेता का कहना है, याकूब की पत्नी 21 सालों से अपने पति के बिना रह रही है और अगर वह राजनीति में आती है तो वह जरूरतमंद लोगों की आवाज बन सकती है, इसलिए मैंने मुलायम सिंह यादव से उसे सांसद बनाए जाने की मांग की।

हालांकि सपा नेता के इस बयान के सुर्खियां बनते ही पार्टी ने इससे दूरी बना ली। सपा के एक प्रवक्ता ने कहा कि राज्य तथा शहर इकाई के प्रमुख अबू आसिम आजमी ने घोसी की तरफ से की गई मांग के अगले ही दिन उन्हें पद से हटाने का फैसला किया। इससे पहले, आजमी ने घोसी से उनके विवादित बयान को लेकर सफाई भी मांगी। सपा नेता मोहम्मद फारुक घोसी ने भी यूटर्न लेते हुए कहा कि यह उनकी निजी राय है और वह सिर्फ इस बात पर पार्टी का ध्यान खींचना चाहते थे कि मार्च 1993 मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोट में बरी की गई राहीन ने बीते सालों काफी तकलीफें झेली हैं। इसके बावजूद पार्टी ने उनके खिलाफ कड़ा निर्णय लेते हुए उन्हें पद से हटाने का फैसला कर डाला। वैसे कुछ लोग उनकी मांग को हैदराबाद स्थित ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुंबई तथा महाराष्ट्र के अन्य हिस्से में प्रभाव को कम करने की कोशिश के रूप में भी देख रहे हैं।

नेशनल

राजकोट गेम जोन अग्निकांड : फरार चल रहा चौथा आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार, पुलिस ने 7 लोगों पर दर्ज किया है केस

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राजकोट। गुजरात के टीआरपी गेम जोन अग्निकाण्ड हादसे में फरार चल रहे एक और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी राजस्थान के सिरोही जिले के आबू रोड से हुई है। इस प्रकार अब तक मामले में चार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस ने घटना में सात लोगों पर केस दर्ज किया है। गुजरात पुलिस को सूचना मिली थी कि हादसे से जुड़ा आरोपी राजस्थान में हो सकता है।

सोमवार रात करीब आठ बजे पालनपुर (गुजरात) की लोकल क्राइम ब्रांच की टीम ने आबूरोड शहर पुलिस की मदद से सदर बाजार स्थित कपड़े की एक दुकान पर दबिश दी और यहां से आरोपी धवलभाई पुत्र भरतभाई ठक्कर को हिरासत में लिया। उसे सिटी थाने लाया गया और यहां से पालनपुर क्राइम ब्रांच की टीम उसे लेकर राजकोट रवाना हो गई।

गौरतलब है कि राजकोट में अवैध रूप से संचालित गेम जोन में लगी भीषण आग से 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे में घायल कई लोग अब भी अस्पताल में जीवन व मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। गुजरात पुलिस ने मामले में सात लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें धवल ठक्कर, अशोक सिंह जडेजा, किरीट सिंह जडेजा, प्रकाशचंद हिरण, राहुल राठौड़, युवराज सिंह सोलंकी और मैनेजर नितिन जैन शामिल हैं।

पुलिस से तीन आरोपियों युवराज, राहुल और नितिन जैन को हादसे के बाद गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें सोमवार को कोर्ट पेश किया गया। कोर्ट ने 14 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। पुलिस को अन्य आरोपियों की तलाश है। पुलिस को आशंका है कि आरोपी गुजरात से सटे राजस्थान में जा सकते हैं। इसलिए दोनों राज्यों की बॉर्डर से लगते थानों में अलर्ट किया गया है।

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