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स्वास्थ्य मंत्रालय : नए दावे, पुराने कार्यक्रम
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रारंभिक एक साल के कार्यकाल में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ ऐसे कार्यक्रमों को शुरू करने का सेहरा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) नीत सरकार के सिर बांधा है, जो वास्तव में पहले से ही चल रहे थे।
इंडियास्पेंड की फैक्टचेकर टीम ने ऐसे दावों और उसकी सच्चाई पेश की है।
1. मिशन इंद्रधनुष
दावा : नया कार्यक्रम मिशन इंद्रधनुष के तहत ऐसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जहां टीकाकरण कम होता रहा है।
सच्चाई : यह विशेष टीकाकरण सप्ताह (एसआईडब्ल्यू) का ही नया नाम है, जो सार्वजनिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत कम टीककरण वाले क्षेत्रों में हर साल संचालित किया जाता है।
मिशन इंद्रधनुष के तहत मार्च-जून 2015 में 201 जिलों में सात से 10 दिनों के लिए विशेष टीकाकरण अभियान चलाया गया था। लेकिन ऐसा पहले भी नियमित रूप से होता रहा है। 2013-14 में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चार बार अप्रैल, जून, जुलाई और अगस्त में एसआईडब्ल्यू संचालित किया गया और 98 लाख से अधिक बच्चों को टीका दिया गया।
इसी तरह से 2012-13 के दौरान एसआईडब्ल्यू के तहत बच्चों को विभिन्न टीकों की 1.73 करोड़ खुराक पिलाई गई।
2. मिशन इंद्रधनुष दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा। यह पहले से है।
दावा : मिशन इंद्रधनुष अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा और इसके तहत 89 बच्चों का टीकाकरण होगा।
सच्चाई : संयुक्त राष्ट्र बालकोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक यूआईपी अभी ही दुनिया के सबसे विशाल कार्यक्रमों में से एक है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक, 2011-12 में दो करोड़ गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण किया गया था।
3. इंडिया न्यूबॉर्न एक्शन प्लान (आईएनएपी) : कई पुरानी योजनाओं में से एक
दावा : इसका मकसद 2030 तक जच्चा और बच्चा मृत्यु के सभी बचाए जा सकने वाले मामलों में सुरक्षा करना।
सच्चाई : जच्चा और बच्चा सुरक्षा की कई और योजना पहले से भी चलाई जाती रही है। उनके उदाहरण यहां पेश हैं :
-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 24 घंटे मातृ देखभाल सेवा। जननी सुरक्षा योजना और जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के जरिए स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव को बढ़ावा देना और सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर जच्चा देखभाल इकाई।
-विशेष जच्चा देखभाल इकाई (एसएनसीयू) और जच्चा स्टेबलाइजेशन यूनिट।
-एक्रीडेटेड सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट (आशा) के जरिए घरों में शिशुओं की देखभाल।
-गर्भावस्था और शिशुओं के स्तनपान के दौरान आयरन और फोलिक एसिड की गोलियों के जरिये एनीमिया से बचाव और उसका इलाज। मच्छरदानी के जरिये मलेरिया से होने वाले एनीमिया की रोकथाम।
-ऐसे अन्य अनेक कार्यक्रमों की सूची मौजूद है।
4. देश की पहली मानसिक स्वास्थ्य नीति लागू : इसके लिए काम 2011 में ही शुरू हो चुका था।
दावा : सरकार ने देश की पहली मानसिक स्वास्थ्य नीति लागू की।
सच्चाई : राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति तैयार करने का काम अप्रैल 2011 में ही शुरू हो चुका था, जिसे अक्टूबर 2014 में लागू किया गया।
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गर्मियों में बिना नींबू के बनाएं ये 5 रिफ्रेशिंग ड्रिंक्स, होती हैं बेहद टेस्टी
गर्मियों का मौसम शुरू होते ही शरीर को पानी की अधिक जरूरत महसूस होने लगती है. अगर ध्यान नहीं दिया जाए तो हमारे शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है, जिससे कई समस्याएं उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है. गर्मियों में शरीर के लिए सिर्फ पानी ही पर्याप्त नहीं होता और भी कई विकल्प हैं जो शरीर को डिहाइड्रेड होने से बचाते हैं. इन दिनों नींबू के दाम आसमान छू रहें हैं. ऐसे में सभी के लिए इतना महंगा नींबू खरीदना संभव नहीं है. बिना नींबू के भी कुछ पेय पदार्थ ऐसे हैं जिन्हें आप गर्मियों में इन्जॉय कर सकते हैं. आइए जानते हैं बिना नींबू के और कौन से शरबत आप बना सकते हैं.
बेल का शरबत
बेल का शरबत बनाने के लिए सबसे पहले पका बेल का पल्प निकाल लें. अब इसे पानी में अच्छे से तब तक मसलें जब तक पानी और पल्प एक ना हो जाए. अब इसे छन्नी से छान कर शकर, भुना-पिसा जीरा, काला नमक और बर्फ मिला कर सर्व करें.
खीरा और कीवी जूस
खीरा कीवी जूस बनाने के लिए सबसे पहले खीरा, आधा इंच अदरक और कीवी को छील लें. अब इन्हें ठंडा होने के लिए फ्रिज में रख दें. इसके बाद इसमें काली मिर्च, बर्फ और पानी मिला कर 1 मिनट तक ब्लेंड करें. खीरा कीवी जूस रेडी है.
आम पना
आम पना बनाने के लिए एक पैन में कच्चे आम लेकर उन्हें नर्म होने तक पकाएं. आम को ठंडा होने पर उसका छिलका अलग करके पल्प निकाल लें. इस पल्प को एक पैन में डालें और इसमें शकर मिलाएं और इसे पूरी घुलने तक चलाते हुए पकाएं. इसके बाद पैन को नीचे उतार कर इसमें जीरा पाउडर, काला नमक, सादा नमक मिलाएं. अब इस पेस्ट को 1 से 2 चम्मच ग्लास में लेकर ऊपर से पानी और बर्फ डालकर अच्छे से मिला लें. पुदीना से गार्निश करके सर्व करें.
तरबूज स्मूदी
तरबूज स्मूदी बनाने के लिए सबसे पहले तरबूज, दही और शहद को मिक्सर में सिर्फ एक मिनट चलाएं. इसके बाद ड्राई फ्रूट और गुलाब जल शरबत डालकर एक बार फिर मिक्सर चलाएं. इसे ग्लास में डालकर ऊपर से पुदीना और तरबूज के टुकड़े से गार्निश करें.
इमली शरबत
इमली का शरबत बनाना बेहद आसान है. सबसे पहले इमली को साफ पानी से धो कर उसके बीज अलग कर दीजिए. अब एक बर्तन में पानी लें इसमें इमली और गुड़ डाल कर 3 घंटे के लिए छोड़ दीजिए. इस मिश्रण को मसल कर ग्राइंड करें. अब इसे छान कर सर्व करें.
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