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मुख्य समाचार

रायबरेली : पिपरी पुल यानी मौत को दावत

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रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के अति पिछड़े विकास क्षेत्र शिवगढ़ का पिपरी पुल जर्जर हो चुका है। इस पुलिस से गुजरना मौत को दावत देने जैसा है। इस पुल से होकर बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बनारस, बहराइच आदि जिलों को जाने वाले बांदा-बहराइच राज्य मार्ग सहित कई मुख्यमार्गो पर बसों, ट्रकों एवं डम्फरों का आवागमन ठप कर दिया गया है। इसको लेकर क्षेत्र के लोगों में शासन के प्रति गहरा आक्रोश है।

बांदा-बहराइच राजमार्ग पर स्थित शिवगढ़ ड्रेन का पिपरी पुल, बैंती भवानीगढ़ संपर्क मार्ग पर स्थित शिवगढ़ ड्रेन का बैंती पुल, चितवनिया रायपुर संपर्क मार्ग पर स्थित शिवगढ़ ड्रेन का गहोंबर पुल पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होकर मौत को दावत दे रहा है।

जहां एक ओर शिवगढ़ ड्रेन एवं संपर्क मार्गो पर बने अधिकांश पुल क्षतिग्रस्त होकर दुर्घटनाओं सबब बने हुए हैं, वहीं महीनों से कुंभकर्णी नींद में सो रहा पीडब्ल्यूडी एवं सिंचाई विभाग मूकदर्शक बनकर किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।

जिले के विकास क्षेत्र- शिवगढ़, बाराबंकी, अमेठी, लखनऊ जनपद की सीमा पर बसे हैं। इससे होकर बाराबंकी जनपद को सीधा जोड़ने वाले बैंती-भवानीगढ़ सम्पर्क मार्ग एवं बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, बनारस, बहराइच जनपद को जोड़ने वाला बांदा-बहराइच मार्ग, दर्जनों गांवों को जोड़ने वाला रायपुर मार्ग अवरुद्ध हो गया है।

दशक पूर्व बने शिवगढ़ ड्रेन के जर्जर बैंती पुल से एक साल पहले दुर्घटना हो चुकी है, जिसके बाद कुम्भकर्णी नींद से जागे सिंचाई विभाग ने महज खानापूर्ति करके मामले की इतिश्री कर ली थी। पुल से दर्जनों वाहन चालक एवं राहगीर नाले में गिरकर गम्भीर रूप स जख्मी हो चुके हैं।

शिवगढ़ ड्रेन के पुलों के जर्जर होने से भयभीत होकर अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से कतराने लगे हैं। अभिभावकों एवं ग्रामीणों की मानें तो मजबूरी में जर्जर पुलों के ऊपर से जान हथेली पे लेकर गुजरना पड़ता है। जब जर्जर पुलों के ऊपर से कोई वाहन गुजरता है तो दिल सहम जाता है कि कहीं वाहन अनियंत्रित होकर नाले में न गिर जाए और वाहन में बैठकर सफर करने वाले मौत के आगोश में न सो जायें। आक्रोशित ग्रामीणों एवं अभिभावकों का कहना है कि यदि किसी प्रकार का हादसा हुआ तो उसका जिम्मेदार शासन प्रशासन होगा।

सिंचाई विभाग खण्ड 28 के अधिशाषी अभियंता सुरेन्द्र नाथ पाण्डेय ने बताया कि शिवगढ़ ड्रेन के जर्जर पुलों का स्टीमेट बनाकर विभाग को भेज दिया गया है। बजट पास होते ही हल्के वाहनों के लिए कोई ना कोई वैकल्पिक व्यवस्था कर दी जाएगी और बरसात बाद व्यवस्थित तरीके से पुलों की मरम्मत एवं निर्माण कार्य कराया जायेगा।

पीडब्ल्यूडी विभाग के अवर अधिशाषी अभियंता आशीर्वाद विश्वकर्मा ने बताया की जर्जर पिपरी पुल के दोनों ओर संकेतक बोडरें को लगवाकर बालू से भरी बोरियां रखवा दी गई हैं और भारी वाहनों का आवागन रोक दिया गया है।

 

नेशनल

जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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