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भारत में लैंगिक समानता घटाएगी खुदकुशी दर?

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नई दिल्ली| पुरुषों व महिलाओं के पास अगर फैसले लेने की समान जिम्मेदारी हो तो पुरुषों द्वारा की जा रही खुदकुशी के मामले में कमी की जा सकती है। मनोचिकित्सकों के मुताबिक, लैंगिक समानता के जरिए बहुत से पुरुषों की जिंदगी खुदकुशी से बच सकती है। गृह मंत्रालय के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़े के मुताबिक, 2014 में हर घंटे आत्महत्या करने वाले 15 लोगों में से 10 पुरुष हैं।

एनसीआरबी की रिपोर्ट ‘एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सूसाइड इन इंडिया 2014’ में कहा गया, “पिछले एक दशक (2004-2014) के दौरान देश में खुदकुशी के मामलों में 15.8 फीसदी (2004 में 1,13,697 से 2014 में 1,31,000) की बढ़ोतरी दर्ज की गई।”

रिपोर्ट में कहा गया कि 2014 में आत्महत्या करने वालों का कुल पुरुष:महिलाअनुपात 67.7:32.3 था। इसमें 2013 की तुलना में पुरुषों के आत्महत्या मामलों में मामूली बढ़ोतरी और महिलाओं के आत्महत्या के मामलों में मामूली कमी आई।

खुदकुशी निजी और सामाजिक-आर्थिक कारणों का मिला-जुला नतीजा हो सकती है, लेकिन मनोचिकित्सक चेताते हैं कि पितृसत्तात्मक ढांचे को बनाने और बरकरार रखने में मदद करने वाली पौरूष या मर्दानगी की भावना न केवल महिलाओं, बल्कि पुरुषों के जीवन पर भी भारी पड़ सकती है।

मनोचिकित्सक और दिल्ली के तुलसी हेल्थकेयर सेंटर के निदेशक गौरव गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, “जी हां, लैंगिक समानता पुरुषों में खुदकुशी के मामलों को कम कर सकती है।”उन्होंने कहा, “अगर वित्तीय और सामाजिक फैसले लेने की जिम्मेदारी केवल उन्हीं के (पुरुषों) कंधों पर ना हो, तो संकट की घड़ी में निर्णय लेने की जिम्मेदारी सामूहिक हो सकती है और ऐसे में असफलता को निजी असफलता के रूप में नहीं देखा जाएगा।”

भारत में 2014 के दौरान प्रति 1,00,000 आबादी पर खुदकुशी दर 10.6 थी।यह भी प्रमाणित हो चुका है कि महिलाओं की तुलना में तलाकशुदा और विधुर पुरुष अपनी जीवनलीला खत्म करने के बारे में ज्यादा सोचते हैं।

2014 में तलाकशुदा और अलग रह रही 733 महिलाओं ने खुदकुशी की, जबकि तलाकशुदा या किसी कारणवश पत्नी से अलग रह रहे 1,150 पुरुषों ने आत्महत्या की। दिल्ली के बीएलके सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार मनोचिकित्सक डॉक्टर (ब्रिगेडियर) एस. सुदर्शनन भी इससे सहमत हैं।

उन्होंने कहा, “मर्दो को अपनी पत्नियों से मिलने वाले असीमित समर्थन, सहूलियत और बेशर्त साथ की आदत होती है। ऐसे में विधुर होने से जीवन में बहुत बड़ा खालीपन आ जाता है, जिससे पुरुषों में आमतौर पर अकेलापन और अवसाद जन्म लेता है।”बेरोजगारी, सिर पर छत न होना और वैवाहिक दिक्कतों की वजह से शहरी क्षेत्रों में खुदकुशी के मामले बढ़े हैं।

2014 में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तेलंगाना में ही कुल आत्महत्या मामलों में से 51.1 फीसदी मामले दर्ज किए गए।सुदर्शनन ने यह भी कहा कि पुरुष, महिलाओं की तुलना में दबाव या अवसाद को झेलने के लिहाज से अपेक्षाकृत कम मजबूत होते हैं।उन्होंने कहा, “महिलाएं ज्यादा मजबूत होती हैं और तनाव या अवसाद से ज्यादा बेहतर तरीके से निबट सकती हैं।”

नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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