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प्रादेशिक

राजस्थान में सरकारी स्कूलों का होगा कायाकल्प : मंत्री

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जयपुर,अजमेर जिले,शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी,उच्च माध्यमिक विद्यालय क्रिश्चनगंज,हिन्दुस्तान

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जयपुर | अजमेर जिले के प्रभारी एवं शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों के कायाकल्प में लगी है। स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही पर्याप्त स्टाफ की तैनाती एवं शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए गंभीरता से प्रयासरत है। सरकार के प्रयास रंग ला रहे और स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने लगी है। प्रो. देवनानी ने शनिवार को अजमेर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय क्रिश्चनगंज, राजकीय मोइनिया इस्लामिया उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं राजकीय सावित्री बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सहित अन्य विद्यालयों में हिन्दुस्तान जिंक लि. की ओर से सामाजिक सरोकार कार्यक्रम के तहत उपलब्ध कराए गए।

देवनानी फर्नीचर के वितरण एवं नवप्रवेशी विद्यार्थियों के अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न स्कूलों में 80 लाख रुपये की लागत का फर्नीचर उपलब्ध कराया जा रहा है। शिक्षा राज्य मंत्री ने अभिभावकों व शिक्षकों से कहा कि वे सरकारी स्कूलों का गौरव पुन: लौटाने के लिए संयुक्त रूप से ऐसे प्रयास करें कि उनके क्षेत्र में स्कूल में प्रवेश करने योग्य कोई बालक-बालिका प्रवेश से वंचित नहीं रहे। उन्होंने कहा शिक्षक स्कूल समय के पश्चात एक घंटा अपने क्षेत्र में घूमें और अभिभावकों से मिलें। प्रधानाचार्य भी सप्ताह में एक-दो बार अपने शिक्षकों की बैठक लेकर बच्चों के भविष्य के बारे में चिंतन करें और प्रत्येक विद्यार्थी के बारे में भी चर्चा करें। शिक्षा मंत्री ने कहा कि दो माह में जितने शिक्षकों की पदोन्नति व पदस्थापन हुए हैं वह उल्लेखनीय है। स्कूलों का वातावरण स्वच्छ व सुन्दर बनाकर पढ़ाई के स्तर को सुधारें। प्रधानाध्यापकों को भी सप्ताह में कम से कम 12 क्लास पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार प्रतिवर्ष शिक्षा के क्षेत्र पर करीब 200 अरब रुपये खर्च कर रही है। इसलिए यह हम सब की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में सरकारी विद्यालयों का शैक्षणिक स्तर उन्नत हो।

उन्होंने क्षेत्र के भामाशाहों से अनुरोध किया कि वे अपने आस-पास की स्कूलों में आवश्यकतानुसार फर्नीचर व अन्य सामग्री उपलब्ध कराएं जिससे निजी स्कूलों के मुकाबले में सरकारी स्कूलों में सुविधाएं उपलब्ध हो। समारोह में हिन्दुस्तान जिंक लि. के प्रबंध निदेशक के.सी.मीणा एवं अन्य अधिकारियों ने बताया कि सामाजिक सरोकार कार्यक्रम के तहत अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में 4 हजार मेज व स्टूल, 3 वाटर कूलर व 41 पानी की टंकी उपलब्ध करायी जा रही है। जिले में अन्य क्षेत्रों में भी कार्य कराएं जा रहे हैं। इस अवसर पर शिक्षा उपनिदेशक सुरेश शर्मा, सतीश बंसल, भारती श्रीवास्तव, नीरज जैन, जयकिशन पारवानी, रमेश सोनी सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

ऑफ़बीट

ज्वैलर बाप-बेटे ने अमेरिकी महिला से की ठगी, 300 रु वाली ज्वैलरी 6 करोड़ में बेची

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जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में धोखाधड़ी का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक ज्वैलर बाप-बेटे की जोड़ी ने एक अमेरिकी महिला को चूना लगाते हुए 300 रु वाली ज्वेलरी 6 करोड़ में बेच दी। ज्वैलरी खरीदकर महिला वापस अमेरका लौट गई। दो साल बीत गए लेकिन महिला को ज्वेलरी के नकली होने का पता नहीं चला। इस बीच महिला ने अमेरिका में ही एक एग्जीबिशन में स्टॉल लगाई। इस दौरान उसे पता चला कि उसके जेवर नकली हैं। यह सुनते ही उसके होश उड़ गए। वो शिकायत करने के लिए एक महीने पहले वापस जयपुर पहुंची। महिला ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस से दर्ज कराई है।

पुलिस ने बताया कि जयपुर के एक ज्वैलर पिता-पुत्र ने अमेरिकी नागरिक महिला को 6 करोड़ रुपये के नकली आभूषण बेचे। ये दोनों आरोपी गौरव सोनी और उसके पिता राजेंद्र सोनी फरार हैं। गौरव की पत्नी और बच्चे भी फरार हैं। गौरव सोनी के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि महिला ने फरवरी-मार्च में अमेरिका में प्रदर्शनी लगाई। वहां आभूषणों की जांच की जा रही थी, तो उसने कुछ आभूषणों की जांच कराई। उसे पता चला कि सोना 9 कैरेट का है, जबकि हॉलमार्क पेपर में 14 कैरेट का लिखा था। हीरा मोइसैनाइट निकला।

अधिकारी के अनुसार, इसके बाद महिला जयपुर आई और उसने गौरव सोनी से आभूषण बदलने का अनुरोध किया, लेकिन कोई फायदा नहींहुआ। उसने उन्हें पुलिस केस करने की चेतावनी दी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने की कोशिश की। गौरव सोनी और उसके पिता ने उसे रोकने का वीडियो पुलिस को भेज दिया और आरोप लगाया कि विदेशी महिला ने उनकी दुकान में लूटपाट की है लेकिन जब जांच हुई तो उसके पास सारे बिल और सबूत थे। इसलिए मामला नहीं बना।

महिला ने अमेरिकी दूतावास में भी शिकायत की। महिला की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ और जांच हुई। इसी दौरान महिला की दोनों बाप-बेटों के साथ एक मीटिंग हुई जिसमें वो चेरिस को करीब 3 करोड़ रुपये मुआवजा देने पर सहमत हुए। उन्होंने 2 दिन का समय मांगा लेकिन आखिरी दिन पिता-पुत्र ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए और फरार हो गए।

पुलिस ने बताया कि इसके बाद हमने उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया जिसने ज्वैलरी के झूठे प्रमाण पत्र जारी किए। हमने गौरव सोनी के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया है। हम पिता के लिए भी लुकआउट नोटिस जारी करने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी पता चला कि गौरव सोनी की पत्नी के नाम पर एक फर्म है और उसे उसी खाते में ज़्यादातर पैसे मिले हैं।

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