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अन्तर्राष्ट्रीय

जापान में 2,900 साल बाद फटा माउंट हकोने ज्वालामुखी

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टोक्यो| जापान के कनागवा प्रांत में स्थित माउंट हकोने ज्वालामुखी मंगलवार को 2,900 साल बाद फट गया। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के अनुसार, जापान की मौसम विज्ञान विभाग एजेंसी (जेएमए) ने दिन की शुरुआत में चेतावनी का स्तर दो से बढ़ाकर तीन कर दिया और लोगों को ज्वालामुखी तथा इसके मुहाने से दूर रहने की चेतावनी दी है।

हालिया भूकंप और भूवैज्ञानिक गतिविधि के अनुसार, ज्वालामुखी में और अधिक जोरदार तथा जानलेवा विस्फोट हो सकते हैं और इससे ओवाकुडानी के आवासीय क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।

प्रभावित क्षेत्र में एक किलोमीटर के दायरे के अंदर रहने वाले लोगों को जगह खाली करने की सलाह दी गई है।

जेएमए ने कहा कि सोमवार को 14 भूकंप आए, जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 1.9 और 3.2 के बीच थी।

जेएमए ने पुष्टि की है कि ज्वालामुखी से निकली राख की ताजा परत ओवाकुडानी घाटी में पाई गई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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