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अन्तर्राष्ट्रीय

दक्षिण कोरिया में मर्स के अब तक 87 मामले

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सियोल| दक्षिण कोरिया के स्वास्थ्य मंत्री ने मिडिल ईस्ट रेस्पायरेटरी सिंड्राम (मर्स) के 23 नए मामले सामने आने की पुष्टि की है। इसके साथ ही यह संख्या 87 हो गई है। मंत्री ने कहा कि 23 में से 17 मामले सियोल अस्पताल के उसी आपातकालीन कक्ष के हैं, जहां 15 मई को पहले मरीज को भर्ती कराया गया था, जिसमें 20 मई को मर्स की पुष्टि हुई थी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, शेष छह मामले दाएजियान शहर के दो अस्पतालों का है।

इधर, दाएजियान में मर्स पीड़ित 80 वर्षीय व्यक्ति सोमवार को मौत हो गई, जिससे मर्स से मरने वालों की संख्या अब तक छह हो गई है।

सऊदी अरब के बाद दक्षिण कोरिया में मर्स के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। सऊदी अरब में मर्स के 1,000 मामले सामने आ चुके हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन इस सप्ताह हालात का जायजा लेने के लिए एक टीम दक्षिण कोरिया भेजेगा।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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