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नेशनल

डॉक्टर ने फिर दोहराया, सुनंदा की मौत को ‘नेचुरल’ बताने का था दबाव

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या के मामले में फिर एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है। ये बयान एम्स के फॉरेंसिक साइंस विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता ने दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन पर सुनंदा पुष्कर की मौत को प्राकृतिक मौत बताने के लिए दबाव था।

पिछले साल जून, 2014 में भी डॉ. सुधीर गुप्ता कुछ ऐसे ही आरोप लगा चुके हैं। तब इस विवाद से एम्स प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया था। एम्स ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को थरूर के पक्ष में बदलने के फॉरेंसिक साइंस विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया था। अब डॉ. सुधीर गुप्ता ने एक बार फिर कहा है कि उनपर सुनंदा पुष्कर की मौत को प्राकृतिक मौत बताने के लिए दबाव था।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली की एक अदालत ने पिछले महीने ही पुलिस को सुनंदा पुष्कर हत्याकांड मामले में तीन संदिग्धों का पॉलीग्राफ परीक्षण कराने की अनुमति दी है। इन तीनों संदिग्धों को सुनंदा के पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर का करीबी माना जाता है। ऐसे में डॉ.गुप्ता के इस बयान के बाद कांग्रेस नेता थरूर की मुश्किलों में इजाफा हो सकता है। इस हत्याकांड में शशि थरूर से दो बार पूछताछ भी हो चुकी है।

नेशनल

स्वाति मालीवाल ने निर्भया कांड को किया याद, कहा- अब पार्टी के लोग एक आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं

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नई दिल्ली। आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने रविवार को 12 साल पुराने निर्भया कांड को याद करते हुए कहा कि अब पार्टी के लोग एक आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार के खिलाफ 13 मई को सीएम आवास के भीतर बदसलूकी की शिकायत दर्ज कराने वाली मालीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “एक समय था जब हम सब निर्भया के लिए न्याय की मांग करते हुए सड़कों पर निकले थे। आज, 12 साल बाद, हम उस आरोपी को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं जिसने सीसीटीवी फुटेज मिटा दिया और फोन को फार्मेट कर दिया।”

उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “काश उन्होंने मनीष सिसोदिया जी के लिए इतनी ताकत झोंकी होती। यदि वह यहां होते तो हो सकता है कि मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ होता।” विभव कुमार को शनिवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और देर रात एक स्थानीय अदालत ने उन्हें पांच दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने अदालत को बताया था कि उसे जो सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराया गया है वह ब्लैंक है। कुमार ने अपना मोबाइल फोन पुलिस को दिया लेकिन पासवर्ड नहीं बताया। इसके अलावा कुमार ने खराबी का बहाना बनाकर एक दिन पहले अपना मोबाइल फॉर्मेट कर दिया था।

पुलिस ने अदालत को बताया कि फोन को फॉर्मेट करने से पहले उसके डाटा को क्लोन करना होता है। इसलिए, उनके फोन के डाटा को वापस हासिल करने के लिए उन्हें मुंबई ले जाया जाएगा क्योंकि डाटा रिट्रीव करने के लिए विशेषज्ञों के समक्ष उनकी उपस्थित जरूरी है। पुलिस ने मामले में छेड़छाड़ और गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। सिविल लाइंस थाने में दर्ज मामले में आईपीसी की धारा 308 (गैर-इरादतन हत्या), 341 (गलत तरीके से रोकना), 354बी (महिला का चीरहरण करने के उद्देश्य से बलप्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) और 509 (महिला का शीलभंग करने वाले शब्द, भंगिमा या कार्य) के तहत आरोप लगाये गये हैं।

 

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