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दिल्लीः ट्रैक्टर रैली में हुए बवाल के बाद एक्शन मोड में पुलिस, 22 FIR दर्ज

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नई दिल्ली। दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ओर से निकाली गई रैली में हुई हिंसा में 300 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। हिंसा पर काबू पाने के बाद अब दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में अब तक 22 एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

हिंसा के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। अब दोपहर ढाई बजे दिल्ली पुलिस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी और पूरी जानकारी सौंपी जाएगी।  दिल्ली पुलिस हिंसा की साजिश को लेकर भी मामला दर्ज करेगी।

हिंसा से जुड़े मामलों की जांच क्राइम जांच, स्पेशल सेल को सौंपी गई है। बता दें कि कई राज्यों के किसान तीनों कृषि कानूनों के विरोध में लगभग 60 दिनों से दिल्ली से सटे कई बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। सरकार से कई दौर की बैठक के विफल होने के बाद  किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया था। किसानों ने दावा किया था कि उनकी रैली पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से निकलेगी।

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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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