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अन्तर्राष्ट्रीय

मेक्सिको में तूफान से मरने वालों की संख्या 14 हुई

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मेक्सिको| उत्तरी मेक्सिको के सियुदाद एकुना शहर में इस सप्ताह की शुरुआत में आए तूफान से मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। यह जानकारी आपात प्रबंधन अधिकारियों ने दी। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, राष्ट्रीय आपत प्रबंधन कार्यालय के समन्वयक लुईस फेलिप पुएंटे ने बुधवार को ट्विटर पर जारी एक पोस्ट में कहा, “सोमवार को आए तूफान के बाद अस्पताल में भर्ती किए गए एक वयस्क की मौत हो गई।
तूफान महज छह सेकंड का था, लेकिन इससे कोआहुइला राज्य के सीमवर्ती शहर सियुदाद एकुना के आसपास तीन शहरों में भारी हानि हुई।

अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात से दर्जनों वाहन ध्वस्त हो गए और लगभग 750 घर क्षतिग्रस्त हो गए थे। इससे से बिजली और पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।

राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो ने कोआहुइला के गवर्नर रुबेन मोरीरा और उनकी कैबिनेट के सदस्यों के साथ मंगलवार को सियुदाद का दौरा किया था और चक्रवात प्रभावित परिवारों से मुलाकात की थी।

राष्ट्रपति ने शहर को जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में लाने के लिए पूरा सहयोग उपलब्ध कराने का वादा किया।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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