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भूकंप से हिला बिहार, 10 की जान गई

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पटना | भूकंप के दो जबरदस्त झटकों से मंगलवार को राजधानी पटना सहित पूरा बिहार थर्रा उठा। इस आपदा में लोगों के घर-मकान और दीवारों के गिरने से कम से कम 10 लोगों की जान चली गई, जबकि 51 से अधिक लोग घायल हो गए। बिहार सरकार ने मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। इस बीच राज्य के सभी स्कूलों को गर्मी छुट्टी करने के निर्देश दिए गए हैं। इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भूकंप पीड़ितों को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी ने बताया कि राज्य की राजधानी पटना के अलावे गया, सीतामढ़ी, नालंदा, बक्सर, पूर्णिया, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, दरभंगा सहित कई जिलों में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के नियंत्रण कक्ष में पदस्थापित अधिकारी सी.बी. पांडेय ने बताया कि भूकंप के कारण राज्य में जानमाल की क्षति हुई है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कई मकान गिर गए हैं, जिससे 10 लेागों की मौत हो गई है जबकि 51 लोगों के घायल होने की सूचना है। उन्होंने बताया कि पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, दरभंगा और पटना में दो-दो जबकि सीवान व सीतामढ़ी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।

इधर, राज्य सरकार ने मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपए बतौर मुआवजा देने तथा घायलों को मुफ्त इलाज कराने की घोषणा की है। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने तथा सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सभी अधिकारी राहत कार्य में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा, “भूकंप के बाद सरकार की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। भय के इस वातावरण में धैर्य का परिचय देते हुए हिम्मत से काम लेना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा कि अब तक 15 लोगों की मौत की सूचना है, जिसके संबंध में जानकारियां एकत्रित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में गांव-गांव तक जाकर भूकंप पीड़ितों की जानकारी जुटाने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने लोगों से एक-दूसरे के सहयोग के लिए आगे आने की भी अपील की। भूकंप के मद्देनजर बिहार के सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में बुधवार से ही गर्मी छुट्टी करने का आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया, “भूकंप के मद्देनजर राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों को बुधवार से ही गर्मी छुट्टी करने का आदेश दिया गया है।”

उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विद्यालयों में दो-चार दिनों में गर्मी छुट्टी होने वाली थी। नीतीश ने कहा कि भूकंप के कारण विद्यालय खुले रहने पर भगदड़ की आशंका बनी रहेगी, इस कारण सरकार ने चार दिन पूर्व ही विद्यालयों को गर्मी छुट्टी करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि भूकंप आने के बाद 48 घंटे तक ऑटर शॉक्स आने का खतरा बना रहता है।

इस बीच पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ए.के. सेन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि भूकंप के झटके आने के बाद कम से कम 24 घंटे के दौरान फिर से झटके आने की आशंका रहती है, लिहाजा लोगों को सतर्क रहना चाहिए। उल्लेखनीय है कि बिहार में 25 व 26 अप्रैल को आए भूकंप से 58 लोगों की मौत हो गई थी। लगातार आ रहे भूकंप के झटके से लोग दहशत में हैं।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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