अन्तर्राष्ट्रीय
होस्नी मुबारक की 3 साल की सजा बरकरार
काहिरा | मिस्र की एक अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक को भ्रष्टाचार के आरोपों में मिली तीन साल जेल की सजा को शनिवार को बरकरार रखा। समाचार पत्र अल अहराम की एक रपट के मुताबिक, अदालत ने भ्रष्टाचार के आरोपों के उसी मामले में उनके दो बेटों गमाल तथा आला की चार साल की सजा को कम कर तीन साल कर दिया।
काहिरा अपील अदालत ने तीनों पर लगभग 1.6 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया है और 2.1 करोड़ मिस्र पाउंड देश को वापस करने का निर्देश दिया। चूंकि तीनों इस मामले में तथा अन्य मामलों में तीन साल से ज्यादा समय एहतियातन हिरासत में गुजार चुके हैं, इसलिए अदालत मुबारक और उनके दोनों बेटों को घर जाने की अनुमति दे सकता है। मुबारक विभिन्न मामलों में सुनवाई के दौरान अप्रैल 2011 से अगस्त 2013 तक एहतियातन हिरासत में रहे, जिसके बाद उन्हें मादी सैन्य अस्पताल स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उन्हें नजरबंद रखा गया।
मिस्र के कानून के मुताबिक, एहतियातन हिरासत की अवधि की गिनती भी किसी मामले में मिली सजा अवधि की तरह की जाती है। बीते साल मई में मुबारक व उनके बेटों को राष्ट्रपति के महलों के रख-रखाव के लिए आवंटित 1.7 करोड़ डॉलर राशि के गबन के मामले में दोषी ठहराया गया था। वहीं जनवरी में आला व गमाल को एहतियातन हिरासत की अधिकतम अवधि पूरा करने के बाद छोड़ दिया गया था।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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