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विवाद बन गए आप की पहचान

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AAP-controversy

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आम आदमी पार्टी और विवादों का चोली-दामन का साथ है। एक विवाद से खड़ा हुआ तूफान कुछ थमता दिखता है तो दूसरा विवाद उससे भी ज्यादा तेजी से शुरू हो जाता है। आप की रैली में किसान गजेंद्र सिंह द्वारा फांसी लगाने की दिल दहला देने वाली घटना के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने माफी मांगी और आप नेता आशुतोष फूट-फूटकर रोए लेकिन वास्तविकता में उन्होंने कोई सबक नहीं सीखा। कुछ ही दिन बीते नहीं कि आप के एक अन्य वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास नकारात्मक कारणों से फिर सुर्खियों में छा गए। अब आप की ही एक महिला कार्यकर्ता ने कुमार विश्वास से अवैध संबंधों की अफवाहों का खंडन करने की मांग उठाई है।

इस कार्यकर्ता ने दिल्ली महिला आयोग में शिकायत की है कि सोशल मीडिया पर कुमार विश्वास की पत्नी ने अफवाह उड़ाई है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुझे व विश्वास के साथ आपत्तिजनक हालत में रंगेहाथ पकड़ा था। महिला का कहना है कि इस अफवाह के कारण उसका परिवार टूट रहा है। उसकी मांग है कि कुमार विश्वास सामने आकर इन अवैध संबंधों के आरोपों का खंडन करें ताकि उसका परिवार बना रहे। महिला आयोग ने इसी को लेकर विश्वास को समन जारी किया है लेकिन विश्वास ने समन प्राप्त न होने की बात कही है। मामले में सच्चाई चाहे कुछ भी हो लेकिन विश्वास का दामन तो दागदार हो ही गया। ये भी हो सकता है कि घटना के पीछे कोई साजिश हो लेकिन ऐसे में यह सवाल उठता है कि आम आदमी पार्टी पर ही इस तरह के लांछन क्यों लग रहे हैं? अगर देश का कोई अन्य राजनीतिक दल अपने अस्तित्व में आने के बाद इतनी जल्दी सत्ता के शीर्ष पर नहीं पहुंचा तो यह भी सत्य है कि इतने कम समय में थोक के भाव में इतने विवाद भी किसी पार्टी के हिस्से में नहीं आए।

आप के शीर्ष नेतृत्व अरविंद केजरीवाल की बात करें तो वह जब से सीएम बने हैं तब से ही विवादों से जूझ रहे हैं। योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की बगावत के बाद आप जो उठापटक मची, पूरी दुनिया उसकी गवाह बनी। फिर किसान गजेंद्र की खुदकुशी और उसके बाद अब विश्वास पर लगे आरोप। इन सबके बीच ही आप सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच फिर पावर जंग को लेकर तलवारें खिंच गई हैं। इसी माहौल में महाराष्ट्र में 376 कार्यकर्ताओं ने भी सामूहिक इस्तीफा दे दिया।

असलियत यह है कि जिस पार्टी में इतनी उठापटक मची हो, वह जनता की उम्मीदों पर खरी किस तरह उतर सकेगी। आप को दिल्ली की जनता ने रिकॉर्डतोड़ बहुमत दिया। लोगों को यह उम्मीद थी कि केजरीवाल रातोंरात उनकी किस्मत पलट देंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पार्टी अपने ही झंझावतों में उलझी है और उसके नेता सिर्फ बचाव की मुद्रा में नजर आ रहे हैं। जनता के लिए सोचने के लिए उनके पास वक्त ही कहां हैं लेकिन यह भी सच है कि जो जनता उन्हें एक चुनाव में अर्श पर पहुंचा सकती है वही अगले चुनाव में उन्हें फर्श पर पटकने में देर नहीं लगाएगी। पार्टी के पास अभी समय है कि वह चेत जाए वरना राजनीति में उसका सूरज जितना तेज चढ़ा है उतना ही तेजी से अस्त भी हो जाएगा।

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सपा नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को बताया बेकार, कहा- उसका नक्शा ठीक नहीं

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मैनपुरी। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के राम मंदिर पर विवादित बयान दिया है जिसपर बवाल मच गया है। रामगोपाल यादव ने कहा कि ‘वो मंदिर तो बेकार का है, मंदिर ऐसे बनाए जाते हैं? मंदिर ऐसे नहीं बनते हैं। पुराने मंदिर देख लीजिए दक्षिण से से लेकर उत्तर तक देख लीजिए। नक्शा ठीक नहीं बना है उसका। वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया है।

वहीं उनके बयान पर बीजेपी ने जोरदार पलटवार किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “इंडी अलायंस का असली सनातन विरोधी चेहरा एक बार फिर से उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बेकार है। ये ठीक से बना नहीं है। इसका नक्शा ही खराब है. ये यूजलेस है। देख लीजिए, इसका वास्तु ही खराब है। पहले इन लोगों ने राम भक्तों का विरोध किया. फिर राम भक्ति को पाखंड बताया. फिर राम जी के अस्तित्व पर सवाल उठाया और अब राम मंदिर पर ही हमला कर रहे हैं। केवल समाजवादी पार्टी ही नहीं, बल्कि इससे पहले कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को इवेंट बताते हुए कैसे उसका बहिष्कार किया।

राम मंदिर को लटकाना, अटकाना, भटकाना ये कांग्रेस पार्टी ने लगातार किया है। वहीं, आरजेडी ने कहा कि राम मंदिर गुलामी की निशानी है. रामचरित मानस पर इन लोगों ने हमला किया और अब ये लोग किस तरह से राम मंदिर पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं. करोड़ों राम भक्तों ने किस तरह से सैकड़ों वर्षों तक इंतजार किया, तब जाकर राम मंदिर बना, लेकिन आज वो कह रहे हैं कि राम मंदिर बेकार है।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा , “क्या किसी और धर्म स्थल के बारे में वो ऐसा बोलेंगे। कतई नहीं बोला जा सकता और ना ही बोला जाना चाहिए, लेकिन केवल हिंदुओं को गाली देना इनका काम है ताकि वोट बैंक की थाली सजी रहे। कभी राहुल गांधी कहते हैं कि मैं शक्ति का विरोध कर रहा हूं। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन एक बीमारी है. खरगे जी ने कहा कि राम बनाम शिव करना है। ये आए दिन हिंदू धर्म के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते रहते हैं और अब कहा जा जा रहा है कि राम मंदिर ही बेकार है, उसका ढांचा ही ठीक नहीं है।

 

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