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प्रादेशिक

रोजगार पोर्टल ने जुटाए 1.0 करोड़ डॉलर

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बेंगलुरु,अग्रणी रोजगार पोर्टल 'बाबाजॉब डॉट कॉम,आस्ट्रेलिया की ऑनलाइन प्लेसमेंट सेवा प्रदाता कंपनी, 'सीक लिमिटेड' से 1.0 करोड़ डॉलर,ग्रेघोस्ट वेंचर्स',बांग्लादेश, ब्राजील, चीन, मैक्सिको

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बेंगलुरु | देश के अग्रणी रोजगार पोर्टल ‘बाबाजॉब डॉट कॉम’ ने अपनी विस्तार योजनाओं के लिए आस्ट्रेलिया की ऑनलाइन प्लेसमेंट सेवा प्रदाता कंपनी ‘सीक लिमिटेड’ से 1.0 करोड़ डॉलर (64 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। ‘बाबाजॉब डॉट कॉम’ ने शनिवार को यहां जारी बयान में कहा, “हम अपनी टीम के विस्तार, ब्रांड को मजबूत करने, मोबाइल एप्लिकेशन के निर्माण और टेलीफोन सेवाओं के सुधार के लिए दूसरे दौर की फंडिंग से इस पूंजी का इस्तेमाल करेंगे।”

कंपनी की नई सेवाओं, जैसे ‘मिस्ड कॉल फॉर जॉब्स’ और ‘रैपिडहायर’ की मदद से उपयोगकर्ता अपनी स्थानीय भाषा में निशुल्क कॉल, मोबाइल एप्प और वेबसाइट के जरिए अपने रोजगार प्रोफाइल को पंजीकृत करा सकते हैं। पहले दौर के धन संचयन में पोर्टल ने 2012 में ‘ग्रेघोस्ट वेंचर्स’ और ‘खोसला इंपेक्ट’ से एक अनिर्दिष्ट राशि जुटाई है। ‘सीक’ और इसकी संबंद्धित कंपनियां अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राजील, चीन, मैक्सिको, न्यूजीलैंड और दक्षिणपूर्व एशिया में सबसे बड़ी वैश्विक ऑनलाइन रोजगार प्रदाता कंपनियां हैं।

नेशनल

जेल से रिहा हुए बाहुबली धनंजय सिंह, बोले- पत्नी के लिए करूंगा प्रचार

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लखनऊ। जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह को बुधवार की सुबह बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। जेल से रिहा होने के बाद बाहर आते ही उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी मुकदमे में सजा हुई। मेरी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। मैं सीधे अपने क्षेत्र में जाऊंगा। अपने विरोधी अभय सिंह के बारे में सवाल पूछे जाने पर धनंजय ने थोड़ा नाराज होते हुए कहा कि आप लोग अपराधियों के बारे में बात मत करिए।

धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन उनकी रिहाई में देरी हो रही थी। हालांकि, बुधवार की सुबह उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई के वक्त धनंजय सिंह के समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे। कई गाड़ियों के काफिले के साथ धनंजय सिंह बरेली सेंट्रल जेल से जौनपुर के लिए रवाना हो गए हैं। जेल से रिहा होने के बाद धनंजय सिंह ने प्रेस से बात भी की। उन्होंने कहा कि 2020 में मेरे खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि मैं सीधे जौनपुर जाऊंगा।

धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाई कोर्ट से फौरी तौर पर बड़ी राहत मिली है। यानी उनकी सजा पर कोई रोक नहीं है। 27 अप्रैल को हाई कोर्ट ने धनंजय सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि, जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाए गए 7 साल की सजा पर हाई कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया। धनंजय सिंह के वकीलों ने कहा है कि अब सजा के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करेंगे।

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