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छेड़छाड़ के विरोध पर मां-बेटी को चलती बस से फेंका, बेटी की मौत

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मोगा। पंजाब में बुधवार शाम एक बार फिर निर्भया कांड दोहराया गया। चलती बस में एक महिला और उनकी नाबालिग बेटी से मनचले युवकों ने छेड़छाड़ की। बस के ड्राइवर, कंडक्टर और हेल्पर ने भी मनचलों का साथ दिया। जब उन्होंने इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो बदमाशों ने उन्हें चलती बस से फेंक दिया। जिससे लड़की की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गई। यह बस पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल की कंपनी की बताई जा रही है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। तीन आरोपियों को हिरासत में लेने की बात भी पता चली है लेकिन अभी पुलिस इनके बारे में ज्यादा जानकारी देने से बच रही है।

पीड़ित महिला के मुताबिक, वह अपनी बेटी और बेटे के साथ बस में सफर कर रही थी। तीनों बुधवार देर शाम ऑर्बिट बस में चढ़े। बस मोगा शहर से बाहर निकली तो उसमें सवार 6-7 युवक छेड़छाड़ करने लगे। महिला ने इस बारे में कंडक्टर से शिकायत की, लेकिन आरोप है कि वह भी युवकों के साथ मिलकर उनके साथ छेड़छाड़ करने लगा। महिला ने बस रोकने के लिए ड्राइवर से कहा, लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया। जब उन्होंने इस छेड़छाड़ का विरोध किया तो बदमाशों ने इन्हें चलती बस से फेंक दिया। पीड़िता ने बताया, हमारे साथ छेड़खानी की गई। हम कुछ कह नहीं पाए। बस में भी किसी ने इनको नहीं रोका। इसके बाद हमको बस से धक्का दे दिया गया। धक्का देने वालों में कंडक्टर भी था। महिला ने बस के ड्राइवर से भी बस रोकने की गुहार लगाई, लेकिन वह बस को दौड़ाता रहा।

इस हादसे में 13 वर्षीय बेटी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि महिला बुरी तरह से घायल हो गई। लड़का हादसे में बाल-बाल बच गया। दोनों को बस से फेंक देने के घंटेभर बाद मेडिकल हेल्प मिली, लेकिन बेटी सड़क पर ही दम तोड़ चुकी थी। घायल महिला को सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।

बताया जा रहा है कि यह बस पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की है जो निजी बस सेवा के तौर पर चलती है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजपा ने आरोप लगाया कि ऑर्बिट कंपनी बादल परिवार की है। इस बस को राज्य सरकार ने परमिट दिया है।

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नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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