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अन्तर्राष्ट्रीय

व्लादिमीर पुतिन की चेतावनी- रूस की संप्रभुता पर खतरा हुआ तो परमाणु हथियार चलाने से नहीं चूकेंगे

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मास्को। यूक्रेन से जारी जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर रूस की संप्रभुता और स्वतंत्रता को खतरा हुआ तो वह इसकी रक्षा के लिए परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं। एक साझात्कार के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका किसी भी तनावपूर्ण स्थिति जिससे परमाणु युद्ध शुरू हो सकता है, को बढ़ने से रोकने कि कोशिश करेगा। लेकिन रूस का परमाणु बल इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन के इस बयान से यूक्रेन सहित पश्चिमी देशों और यहां तक कि अमेरिका में खलबली मच गई है। जंग का कोई अंत न होता देख पुतिन का इस तरह की चेतावनी देना गंभीर है। इस चेतावनी को कम नहीं आंका जा सकता है। वहीं दूसरी ओर रूस और यूक्रेन में लगातार जंग जारी है। रूस ने दावा किया है कि उसने यूक्रेन का एक बड़ा हमला नाकाम कर दिया है। साथ ही 234 लड़ाकों को मार गिराया है।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार रात कहा कि उसकी सेना और सुरक्षा बलों ने रूस के सीमावर्ती क्षेत्र में हुए हमले को नाकाम करते हुए 234 लड़ाकों को मार गिराया है। मंत्रालय ने एक बयान में हमले के लिए कीव शासन और यूक्रेन के आतंकवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले दो साल से भीषण युद्ध जारी है रूस ने इस युद्ध में यूक्रेन के एक बड़े इलाके पर अपना कब्जा कर लिया है। वहीं रूस को भी इस युद्ध से गंभीर नुकसान पहुंचा है। इस पूरी लड़ाई में रूस के हजारों सैनिक मारे गए हैं। अगर पश्चिमी देशों के आंकड़ों को देखे तो इस युद्ध में रूस के 3 लाख से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं। इस कारण रूस की सेना में सैनिको कि कमी पड़ रही है। उधर, अमेरिका सहित पश्चिमी देशों से यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक मदद मिल रही है। इससे यूक्रेन और हमलावर हो गया है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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