अन्तर्राष्ट्रीय
नेपाल में सोमवार सुबह फिर महसूस हुए भूकंप के झटके, बारिश की भी आशंका
काठमांडू। विध्वंसकारी भूकंप की त्रासदी से जूझ रहे नेपाल में लोगों को सोमवार सुबह फिर जलजले ने दहला दिया। यहां सुबह लगभग 6 बजकर 25 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके एक बार फिर महसूस किए गए। इन झटकों से जान-माल का कोई नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन लोगों का भरोसा हिल गया है। वह इन झटकों के बाद घर में घुसने में भी खौफ महसूस कर रहे हैं।
नेपाल में आये भूकंप से मरने वालों की संख्या अबतक 3218 पर पहुंच चुकी है और रह-रह कर आ रहे झटकों के कारण देश में राष्ट्रीय आपातकाल लागू है। भूकंप के बाद काठमांडू शहर में चारो तरफ अंधेरा फैला है यहां बिजली नहीं है, लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। ऐसे में नेपाल के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका भी जतायी गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि भारी बारिश के बाद भूस्खलन भी हो सकता है। गौरतलब है कि रविवार को मौसम विभाग के प्रमुख एलएस राठौर ने कहा था कि अगले 24 घंटे में नेपाल में भारी बारिश की आशंका है। ऐसे में भूकंप से जिन लोगों के घर तबाह हुए हैं, भारी बारिश उनके लिए एक और बड़ी मुसीबत खड़ी कर देगी। एहतियात के तौर पर हवाई अड्डा बंद कर दिया गया है। यहां आंतरिक दूरसंचार व्यवस्था ठप है।
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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