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आने वाले विनाशकारी भूकंप की जानकारी देगा हिमालय

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बेंगलुरू। हिमालय की तलहटी में पानी के स्तर की अगर निगरानी की जाए, तो उससे क्षेत्र में भूकंप के बारे में चेतावनी या पूर्व सूचना मिल सकती है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को यह जानकारी कैलिफोर्निया के चैपमैन विश्वविद्यालय में पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर रमेश सिंह ने भेजी है, जो अमेरिकी भूवैज्ञानिक संघ में प्राकृतिक खतरे के समूह के अध्यक्ष भी हैं।

सिंह ने कहा कि 25 अप्रैल, 2015 को नेपाल के गोरखा जिले को हिलाकर रख देने वाले भूकंप के दौरान एकत्र हुए बोरहोल में जल स्तर के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जिन क्षेत्रों में भूकंप का खतरा रहता है उन क्षेत्रों में भूकंप की भविष्यवाणी के लिए भूमिगत जल के पानी के स्तर की निगरानी की उपयोगिता होती है।

फाइल फोटो

सिंह और चीन के तीन भूकंप विशेषज्ञों द्वारा किए गए अध्ययन के निष्कर्ष हाल ही में टेकटनफिजिक्स पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। नेपाल में सबसे घातक गोरखा भूकंप में मुख्य रूप से करीब 5000 लोग मारे गए थे, जबकि भारतीय सीमा से सटे इलाकों में भी कुछ लोग, बांग्लादेश में दो और चीन में एक शख्स की मौत हुई थी और 9,200 लोग घायल हो गए थे।

सिंह ने यह बात एक ईमेल के जरिए बताई कि जब भी भूकंप आते हैं तो पृथ्वी की सतह पर व्यापक दरारें और विकृतियां आम तौर पर दिखाई देती हैं, जिसके परिणामस्वरूप भूजल स्तर में बदलाव भी होता है। चीन में, आने वाले भूकंप से पहले किसी भी संकेत का पता लगाने के लिए कुएं के पानी, पानी का तापमान, और जल राडान सांद्रता समेत कई चीजों की निगरानी की जा रही है।

गोरखा भूकंप के मामले में, वैज्ञानिकों ने भूकंप के केंद्र से 2,769 किलोमीटर की दूरी पर चीन के शांक्सी प्रांत में एक कुएं के जल स्तर के ऊपरी भाग, एक बोरवेल में पानी के स्तर को मापा, जिसे जिगल कहते हैं। नेपाल भूकंप के तुरंत बाद डेटा का विश्लेषण किया गया था।

इसके अलावा, विश्लेषण में वास्तविक घटना से लगभग 6.5 घंटे पहले ‘जिंगल’ वेल पर संभावित आने वाली लहर का खुलासा हुआ था। सिंह ने कहा कि भूजल में सह-भूकंपी परिवर्तन का अध्ययन एक महत्वपूर्ण अनुसंधान क्षेत्र के रूप में उभरा है, जो भूकंप प्रक्रियाओं की बेहतर समझ प्रदान कर सकता है। साथ ही सतह और उपसतह मानदंडों में इसी प्रकार के परिवर्तनों को प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि आने वाले भूकंप की शुरुआती चेतावनी के संकेत मिलने में जमीनी स्तर के पास पानी के स्तर के आंकड़ों को काफी महत्व दिया जा सकता है। चीन और अमेरिका नियमित रूप से 15 मिनट के अंतराल पर जल स्तर की निगरानी करते हैं।

सिंह ने कहा कि भारत का पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय हिमालय की तलहटी इलाकों में पानी के स्तर पर निगरानी के लिए सेंसर लगाने पर विचार कर सकता है, जो हिमालय क्षेत्र में आने वाले भूकंप के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है, जो एक बड़े भूकंप का कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के डेटा से भारतीय प्लेट की गतिशील प्रकृति को समझने में भी मदद मिल सकती है।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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