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अन्तर्राष्ट्रीय

काठमांडू में फंसी भारतीय यू-14 महिला फुटबाल टीम

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काठमांडू। नेपाल में शनिवार को आए भीषण भूकंप के बाद राजधानी काठमांडू में फंसी भारतीय अंडर-14 महिला फुटबाल टीम को स्वदेश वापसी में रविवार को आए भूकंप के ताजा झटकों से बाधा पहुंची है। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय टीम की स्वदेश वापसी के लिए एक विमान त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से रविवार को 12.30 बजे उड़ान भरने वाला था।

अधिकारी ने आगे बताया कि रविवार को आए भूकंप के ताजा झटकों के कारण लेकिन विमान उड़ान नहीं भर सका और अब 18 सदस्यीय भारतीय टीम हवाई अड्डे पर ही विमान के उड़ान भरने का इंतजार कर रही है। भारतीय टीम भारतीय वायु सेना के विमान के जरिए स्वेदश लौटने वाली थी, लेकिन भूकंप के ताजा झटकों के कारण उनके बचाव अभियान में विलंब हो गया। अब उनकी स्वदेश वापसी की आगे की योजना के बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को इससे पहले ट्वीट किया कि भारतीय टीम को काठमांडू से निकालना भारत सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने ट्वीट किया, “हम प्राथमिकता पर भारतीय महिला यू-14 टीम को स्वदेश लाएंगे।”
भारतीय टीम एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) रीजनल चैम्पियनशिप के दक्षिण एवं मध्य जोन में हिस्सा लेने के लिए काठमांडू आई हुई थी। भारतीय टीम को तीसरे-चौथे स्थान के लिए दशरथ स्टेडियम में शनिवार को अपराह्न 1.0 बजे ईरान का सामना करना था। लेकिन निर्धारित समय से करीब एक घंटा पहले आए भीषण तूफान से आयोजन स्थल के आस-पास का क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिसके कारण इस मैच सहित फाइनल मैच भी स्थगित करना पड़ा। भारतीय टीम ने शनिवार की पूरी रात अपने होटल के बाहर होटल परिसर में ही खुले में गुजारी।

भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, काठमांडू का हवाई अड्डा रविवार को आए भूकंप के ताजा झटकों के बाद फिर से बंद कर दिया गया है। रविवार को आए झटकों की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.7 मापी गई। इसके बाद नेपाल में किसी विमान को उतरने की इजाजत नहीं है, जिससे राहत एवं बचाव अभियान भी पिछले चार घंटों से प्रभावित है।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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