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अन्तर्राष्ट्रीय

युद्धविराम समाप्त होते ही गाजा में इजरायल की भीषण बमबारी शुरू, हमास के प्रस्ताव पर नहीं बनी बात

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Israel Hamas War

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दोहा। इजराइल-हमास युद्ध में एक बार फिर से बमबारी शुरू हो गई है। आज दोनों के बीच अस्थायी युद्धविराम समाप्त हो गया, जिसकी मध्यस्थता कर रहे कतर का कोई बयान भी सामने नहीं आया है। कतर ने युद्धविराम के विस्तार के बारे में तत्काल कोई सूचना नहीं दी, जिससे नए सिरे से लड़ाई की संभावना बढ़ गई है।

बता दें कि युद्ध विराम शुक्रवार सुबह 7 बजे समाप्त हो गया। युद्ध एक सप्ताह पहले 24 नवंबर को रोका गया था, जो शुरुआत में चार दिनों तक चला और फिर कतर और साथी मध्यस्थ मिस्र की मदद से कई दिनों तक बढ़ा दिया गया।

बंधकों के छूटने के बाद फिर रॉकेट हमले

सप्ताह भर के संघर्ष विराम के दौरान, गाजा में हमास और अन्य आतंकवादियों ने 100 से अधिक बंधकों को रिहा कर दिया, जिनमें से अधिकांश इजरायली थे, बदले में 240 फलस्तीनियों को इजरायल की जेलों से छोड़ा गया। छोड़े गए लोगों में ज्यादातर सभी महिलाएं और बच्चे थे।

युद्धविराम खत्म होने के एक घंटे बाद ही बमबारी शुरू

द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, आज युद्धविराम के समाप्त होने के एक घंटे बाद ही इजरायल ने गाजा पर रॉकेट दाग दिया। एक सप्ताह में यह पहला हमला है, जो दोनों सेनाओं के बीच सहमत युद्धविराम की समाप्ति के बाद हुआ।

कई आतंकियोंं को मारने का दावा

इजरायली सेना (IDF) ने कहा है कि गाजा के भीतर रॉकेट हमले से कई आतंकियों को मारा गया है। वहीं, गाजा से दागे गए एक रॉकेट को इजरायली सेना ने नष्ट भी कर दिया। हमले से किसी के घायल होने की रिपोर्ट नहीं है।

बता दें कि आईडीएफ ने सात दिनों के युद्धविराम के पूरा होने के बाद पहले ही लड़ाई जारी रखने की बात कही थी। आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने बीते दिन कहा था कि आईडीएफ लड़ाई फिर से शुरू करने के लिए तैयार है। द टाइम्स ऑफ इजरायल ने कहा कि उत्तरी गाजा पट्टी में गोलीबारी और विस्फोटों की आवाजें सुनी जा रही हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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