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अन्तर्राष्ट्रीय

जलवायु पर्वितन के प्रभाव को कम करने की जरूरत : ओबामा

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वाशिंगटन| अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन को नकारा नहीं जा सकता और इसके प्रभाव को तत्काल कम करने की जरूरत है।

ओबामा ने बुधवार को एवरग्लैड्स नेशनल पार्क में पृथ्वी दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि ग्लोबल वार्मिग से छह लाख हेक्टेयर पार्क और इसपर निर्भर लोग प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही यह फ्लोरिडा राज्य में 82 अरब डॉलर की पर्यटन उद्योग के लिए भी खतरा बन रहा है।

समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, ओबामा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक समस्या है कि और इसके समस्या का समाधान करने की जिम्मेदारी आने वाली पीढ़ियों पर नहीं छोड़ सकते और उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस से पर्यावरण सुरक्षा के लिए धन की मंजूरी देने की अपील की।

ओबामा ने कहा, “यह अब समस्या है। हम जिस तरह की जिंदगी जी रहे हैं, उस पर इसका गंभीर प्रभाव है। तेज आंधी, सुखाड़ और जंगलों में आग लगना इसके उदाहरण हैं। इसने हमारे देश की सुरक्षा के खतरे को बढ़ाया है।”

राष्ट्रपति ने कहा कि एवरग्लैड्स में जीर्णोद्धार के प्रयास में 2.2 अरब डॉलर खर्च किए जा चुके हैं और उन्होंने इस साल 2.40 करोड़ डॉलर अतिरिक्त दिए जाने का प्रस्ताव रखा है, ताकि दक्षिणी फ्लोरिडा अपने प्राकृतिक जल प्रवाह की व्यवस्था को ठीक कर सके।

ओबामा ने अमेरिका के राष्ट्रीय पार्को के जीर्णोद्धार परियोजना के लिए 2.5 करोड़ डॉलर की घोषणा की।

उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय पार्क की सेवा में खर्च एक-एक डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए 10 डॉलर का निर्माण करता है।”

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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