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अन्तर्राष्ट्रीय

मारा गया ISIS चीफ अबू हुसैन अल-कुरैशी, तुर्की के सैन्य बलों ने की ये कार्रवाई

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ISIS chief Abu Hasan al-Qureshi killed

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दमिश्क। तुर्की के सैन्य बलों ने ISIS प्रमुख अबू हुसैन अल-कुरैशी को मार गिराया है। तुर्की ने सीरिया की सीमा में घुसकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। तुर्की के राष्ट्रपति रैचप तैयप एर्दोगान ने रविवार 30 अप्रैल को ये जानकारी दी।

एर्दोगान ने कहा खुफिया एजेंसियां लंबे समय से ISIS चीफ के पीछे लगी हुई थीं। तुर्की के ब्रॉडकॉस्टर टीआरटी से एर्दोगान ने बताया कि अल कुरैशी को तुर्की के राष्ट्रीय खुफिया संगठन के एक ऑपरेशन में सीरिया के अंदर मार गिराया गया।

नवंबर में संभाली थी कमान

अबू हुसैन अल हुसैनी अल कुरैशी को अबू हुसैन अल-कुरैशी के नाम से जाना जाता था। दक्षिणी सीरिया में एक ऑपरेशन में इस्लामिक स्टेट के पिछले नेता के मारे जाने के बाद आईएस ने नवंबर 2022 में अल-कुरैशी को अपना प्रमुख चुना था। अब छह महीने के भीतर ही दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन के मुखिया का अंत हो गया।

सीरिया के रक्षा सूत्रों के मुताबिक, तुर्की के सैन्य बलों की ये कार्रवाई उत्तरी सीरियाई शहर जंदारी में हुई है। इस शहर पर तुर्की समर्थित विद्रोही समूहों का कब्जा है। यह शहर 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप में बुरी तरह से प्रभावित हुआ था।

आधी रात में शुरू हुआ एक्शन

सीरियाई नेशनल आर्मी ने इस कार्रवाई को लेकर अभी कोई बयान नहीं दिया है। एक स्थानीय नागरिक ने एएफपी को बताया कि कार्रवाई शनिवार और रविवार की दरमियानी रात शुरू हुई। इस दौरान एक घंटे तक भारी गोलीबारी हुई है और एक जोरदार धमाका सुना गया। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया था, ताकि कोई वहां आ न सके।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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