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अन्तर्राष्ट्रीय

दिल्ली में बेखौफ बदमाशों ने केबल ऑपरेटर की दफ्तर में घुसकर गोली मारकर की हत्या

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नई दिल्ली। दिल्ली के नजफगढ़ में सोमवार की शाम को बदमाशों ने एक केबल ऑपरेटर के ऑफिस में घुसकर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से फरार हो गए। वहीं, पूरी घटना आफिस में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। CCTV कैमरों की फुटेज को अपने कब्जे में लेकर हमलावरों की पहचान कर कार्रवाई करने में जुटी हैी

बदमाशों ने सोमवार शाम करीब 5 बजे नजफगढ़ इलाके के चंचल पार्क के सोम बाजार रोड पर स्थित एक केबल ऑपरेटर के ऑफिस में घुसकर गोलियां बरसाईंI CCTV फुटेज में 3 बदमाश बाइक पर सवार होकर केबल ऑपरेटर के दफ्तर में पहुंचते और बेखौफ होकर गोलियां चलाते हुए दिखाई दे रहे हैंI बदमाशों ने बाहर निकल कर ऑफिस के शीशे पर भी अंधाधुंध गोलियां चलाईंI करीब 15 राउंड की फायरिंग के बाद बदमाश मौके से फरार हो गएI बदमाशों ने केबल ऑपरेटर के ऑफिस में एक धमकी भरा पर्चा भी फेंका।

बदमाशों के हमले में हितेश नाम के युवक को 3 गोलियां लगी हैं और उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। दफ्तर में फेंके गए पर्चे में बदमाशों ने धमकी दी है। पर्चे पर दिल्ली के कुख्यात अपराधी नीरज बवाना समेत कई बदमाशों के नाम लिखे हुए और साथ ही लिखा है कि ‘अब समझ गया तो ठीक नहीं तो दूसरा प्रोग्राम जल्दी बनेगा और तू निशाने पर होगा।’ पत्र से लगता है कि हमलावरों का इरादा हितेश की हत्या करना नहीं बल्कि उसे डराना था।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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