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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान में पेट्रोल की भारी कमी, लाहौर के 450 में से 70 पंप सूखे

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Heavy shortage of petrol in Pakistan

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लाहौर। पाकिस्तान की खराब अर्थव्यवस्था के चलते ईंधन की भारी कमी के बीच, पंजाब के प्रमुख और छोटे शहरों में कई पेट्रोल पंप बंद कर दिए गए हैं। पंजाब क्षेत्र के अधिकांश पेट्रोल पंपों में पेट्रोल खत्म हो गया है, जिससे लोगों की दिनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई है।

डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, दूर-दराज के इलाकों में जहां एक महीने से अधिक समय से पंपों की आपूर्ति नहीं हुई है, स्थिति भयानक है। पर्याप्त आपूर्ति के आश्वासन और जमाखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की सरकार की धमकियों के बावजूद पंजाब में गैसोलीन की कमी बनी हुई है।

PPDA ने तेल विपणन कंपनियों को ठहराया जिम्मेदार

दूसरी ओर, पाकिस्तान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन (PPDA) ने सभी तेल विपणन कंपनियों (OMCs) को मांग के जवाब में उचित आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रहने, पंपों को खाली छोड़ने और ड्राइवरों को शहरी क्षेत्रों में गैस के लिए जाने के लिए मजबूर करने के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

OMAP ने दावे को किया खारिज

ओएमसी एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (OMAP), जिसने दावे को खारिज कर दिया, ने कहा कि कुछ गैस स्टेशन गैसोलीन के भंडारण में भाग ले रहे थे और गैसोलीन की कीमतों में अनुमानित वृद्धि के आलोक में आय बढ़ाने के लिए नकली कमी पैदा कर रहे थे।

कई शहरों में पेट्रोल पंप बंद

लाहौर, गुजरांवाला और फैसलाबाद जैसे कुछ बड़े शहरों में स्थिति सबसे खराब है, जहां तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के दबाव के परिणामस्वरूप कई पेट्रोल पंप पर कई दिनों से पेट्रोल की न के बराबर आपूर्ति पर चल रहे हैं।

लाहौर के 450 में से 70 पंप सूखे

PPDA के सूचना सचिव ख्वाजा आतिफ ने डॉन को बताया लाहौर में, कुल 450 पंपों में से लगभग 70 सूखे हैं। पेट्रोल की कमी के कारण जिन इलाकों में पंप बंद हैं, उनमें शाहदरा, वाघा, लिटन रोड और जैन मंदार शामिल हैं।

गंभीर आर्थिक संकट में तेल कंपनियां

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, पाकिस्तान के कई शहरों में पेट्रोल की आपूर्ति गंभीर रूप से सीमित है। अधिकांश गैस स्टेशन बंद हैं। कुछ खुले हैं, और वे जो केवल थोड़ी मात्रा में गैसोलीन प्रदान करते हैं। इन गैस स्टेशनों पर कारों और बाइकों की लंबी लाइनें लगी रहती हैं। विशेष रूप से, पाकिस्तान की तेल कंपनियां गंभीर आर्थिक संकट और मुद्रा के अवमूल्यन के कारण ‘ढहने’ के कगार पर हैं।

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कुवैत के मंगाफ शहर में इमारत में आग से 43 लोगों की मौत, मृतकों में अधिकतर भारतीय

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कुवैत सिटी। कुवैत के मंगाफ शहर में बुधवार सुबह एक इमारत में आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में अधिकतर भारतीय हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह दक्षिणी कुवैत के मंगाफ शहर में एक इमारत में आग लगी। इस इमारत में भारत और एशिया के मजदूर रहते हैं।

इस हादसे में 40 भरतीयों समेत 43 लोग मारे गए है और करीब 30 लोग घायल हैं। मेजर जनरल रशीद हमद ने कहा कि घटना की सूचना स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजे अधिकारियों को दी गई, इसके बाद राहत और बचाव का काम शुरू किया गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक आग एक फ्लैट के किचन से शुरू हुई और पूरी इमारत में फैल गई। जिस इमारत में आग लगी है, वह केरल के रहने वाले एक शख्स की है। इमारत में भी ज्यादातर दक्षिण भारत के ही लोग थे। मरने वाले दस भारतीय नागरिकों में से भी पांच केरल के थे। कुवैत के उप प्रधान मंत्री फहद यूसुफ अल सबा ने घटनास्थल का दौरा किया और पुलिस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस कमांडर ने स्टेट टीवी को बताया कि जिस इमारत में आग लगी, उसमें मजदूरों के क्वार्टर बने हैं। हादसे के समय भी वहां बड़ी संख्या में श्रमिक यहां मौजूद थे। दर्जनों लोगों को बचा लिया गया लेकिन दुर्भाग्य से आग से निकलने वाले धुएं के कारण कई लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। कुवैती स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आग के कारण लगभग 43 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।उधर इस घटना पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुःख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘कुवैत शहर में आग की घटना की खबर से गहरा सदमा लगा है। कथित तौर पर 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। पीड़ितों में से अधिकांश भारतीय बताए जा रहे हैं।’

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