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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान: बिजली शिक्षा की बात छोड़िए, खाने के हैं लाले; सड़कों पर आम जनता  

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं अपने अस्तित्व के सबसे बड़े संकट को झेल रहे पाकिस्तान के हालात अब ये हो गए हैं कि आम जनता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है।

आईएमएफ के साथ बेलआउट पैकेज को लेकर असफल हुई बातचीत के चलते पाकिस्तान को फौरी तौर पर कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। सबसे बुरे हालात आम जनता के हैं, जिसकी बढ़ती महंगाई से कमर टूट चुकी है और अब हालात ये हैं कि लोग खाने की चिंता कर रहे हैं, शिक्षा और अन्य चीजें हाशिए पर चली गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के एक स्थानीय सीफूड व्यापारी ने बताया कि महंगाई के चलते उसकी बिक्री आधी रह गई है। खासकर मध्य वर्गीय लोगों ने बाजार से दूरी बना ली है और सिर्फ धनी वर्ग ही बढ़ती महंगाई का सामना कर पा रहा है।

एक पेट्रोल पंप के मैनेजर ने बताया कि उनके पंप पर भी तेल की बिक्री में खासी गिरावट आई है। पहले जहां पेट्रोल पंप पर ग्राहकों की लंबी लाइन होती थी, वहां आज पंप लगभग खाली रहते हैं। इसकी वजह है पाकिस्तान में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 262 रुपए होना।

निम्न आय वर्ग के लोगों को तो अपना घर खर्च चलाने के लिए भी उधार लेना पड़ रहा है। किसानों के भी हालात भी काफी बुरे हैं। बढ़ती महंगाई ने उनकी लागत को कई गुना बढ़ा दिया है। महंगी बिजली और मजदूरी में आए उछाल से खेती मुनाफे का सौदा नहीं रह गई है। किसान मोहम्मद राशिद का कहना है कि हमारे पास पर्याप्त खाना नहीं है, ऐसे में बिजली, शिक्षा और कपड़े का इंतजाम कहां से करें।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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