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अन्तर्राष्ट्रीय

यूक्रेन के क्षेत्रों के रूस में विलय वाले कानून पर व्लादिमीर पुतिन ने किए हस्ताक्षर

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Vladimir Putin

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मास्को। यूक्रेन के 4 क्षेत्रों के रूस में विलय को मंजूरी देने वाले कानून पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। ये इलाके पूर्वी यूक्रेन के हैं, जिन पर रूसी सेना ने हमला करके कब्जा कर लिया था। व्लादिमीर पुतिन के इस कदम से अमेरिका समेत पश्चिमी देश भड़क सकते हैं।

रूस का यह फैसला अंतरराष्ट्रीय नियमों के भी विपरीत है। इसी सप्ताह रूसी संसद के दोनों सदनों ने यूक्रेन के दोनेत्सक, लुहान्सक, खेरसन और जापोरिझझिया के विलय वाले कानून को पारित कर दिया था। इसके बाद व्लादिमीर पुतिन को इस पर साइन करना था। अब पुतिन ने इस कानून को मंजूरी दे दी है तो इसके साथ ही इन इलाकों पर भी रूस का कब्जा हो गया है।

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इससे पहले इन इलाकों में रूस की ओर से रेफरेंडम कराने का भी दावा किया गया था। रूस का कहना था कि रेफरेंडम में 90 फीसदी लोगों ने रूस में इलाकों के विलय करने की बात कही है। हालांकि अमेरिका समेत पश्चिमी देशों और यूक्रेन ने इस जनमत संग्रह को फर्जी बताते हुए विरोध किया था और कहा था कि रूस ने बनावटी रेफरेंडम कराया है।

बता दें कि यूक्रेन को व्लादिमीर पुतिन सोवियत संघ का ही हिस्सा बताते रहे हैं और देश के विघटन को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते रहे हैं। 2014 में यूक्रेन पर हमला कर रूस ने क्रीमिया पर कब्जा जमा लिया था। इसी तरह अब पूर्वी यूक्रेन के हिस्सों पर भी रूस ने कब्जा कर लिया है।

रूस का कहना है कि पूर्वी यूक्रेन में रूसी मूल के ही लोगों की आबादी है और वहां की संस्कृति पूरी तरह से रूस मिलती-जुलती है। ऐसे में इस इलाके पर रूस का ही दावा बनता है। इसी साल फरवरी में रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था।

तब रूस का कहना है कि यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने की कोशिश की है और इससे उसकी सुरक्षा को खतरा है। ऐसे में उसने अपने सुरक्षा हितों के लिए यू्क्रेन पर अटैक किया है। हाल के दिनों में पश्चिमी देशों को कड़ी चेतावनी देते हुए व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हमले तक की धमकी दी थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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