नेशनल
ईडी दफ्तर में सोनिया: कई सांसदों के साथ संसद मार्ग थाने में बैठाए गए राहुल गांधी
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी द्वारा की जा रही पूछताछ का कांग्रेस ने सड़कों पर उतरकर जोरदार विरोध किया है। कांग्रेस सांसदों के साथ खुद राहुल गांधी ने संसद भवन में लगी गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च किया और वहीँ धरना देने बैठ गए।
ऐसे में दिल्ली पुलिस भी ऐक्टिव हो गई और सड़कों से जाम हटाने के लिए कांग्रेस सांसदों को हिरासत में लेकर पुलिस थाने ले गई। इसके अलावा राहुल गांधी को भी विजय चौक से जबरन उठाकर ले जाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान राहुल गांधी कह रहे थे कि यदि उन्होंने कुछ गलत किया है तो फिर उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाए।
राहुल गांधी के अलावा पुलिस ने सांसद रंजीता रंजन, केसी वेणुगोपाल, मणिक्कम टैगोर, इमरान प्रतापगढ़ी और के. सुरेश को हिरासत में लिया है। इससे पूर्व दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस को राजघाट पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी और इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई।
कांग्रेस सांसदों का कहना है कि प्रदर्शन तक की अनुमति न देना हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। बता दें इससे पहले गुरुवार को भी सोनिया गांधी से पहले राउंड की पूछताछ की गई थी।
संसद में बोलने नहीं दे रहे और सड़क पर गिरफ्तारी
दूसरी ओर हिरासत में लिए जाने से पहले राहुल गांधी ने कहा, ‘कांग्रेस के सांसद यहां महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर बात करने के लिए जुटे हैं। पुलिस हमें यहां बैठने नहीं दे रही है। संसद में बात नहीं करने दी जा रही है और यहां हमें गिरफ्तार किया जा रहा है।’ पुलिस राहुल गांधी को हिरासत में लेकर संसद मार्ग थाने पहुंची है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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