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नेशनल

भाजपा का सवाल- 5 हजार करोड़ का गबन किया है तो सवाल आखिर किससे पूछा जाएगा?

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नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से चल रही पूछताछ के बीच कांग्रेस पार्टी व भाजपा एक दूसरे पर हमलावर हैं। भाजपा ने सवाल किया है कि मामले में पूछताछ क्यों नहीं होनी चाहिए? भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि गबन में शामिल लोगों को सवालों के जवाब देने होंगे। उन्होंने कहा, ‘पहले राहुल गांधी भी कटघरे में खड़े थे। वह भी गए थे ईडी के पास प्रस्तुत होने के लिए और आज सोनिया जी जा रही हैं।

उन्होंने कहा 5 हजार करोड़ का गबन अगर देश में हुआ है, 5 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप सोनिया जी और राहुल जी के ऊपर हैं, तो स्वभाविक रूप से पूछताछ भी उन्हीं से होगी।’ पात्रा ने कहा, ‘आप सभी को पता है कि नेशनल हेराल्ड मामले में 76 प्रतिशत का स्टेकहोल्डर यंग इंडिया कंपनी में सोनिया जी और राहुल जी के पास है। अब अगर सोनिया और राहुल 75 फीसदी से भी अधिक के स्टेकहोल्डर्स हैं, तो पूछताछ किससे होगी।’

भाजपा ने कांग्रेस के प्रदर्शन को भी ड्रामा बताया है। प्रवक्ता ने कहा कि सत्याग्रह का जो ड्रामा कांग्रेस कर रही है यह भी पूरा देश देख रहा है। भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष से मामले के मुख्य साजिशकर्ता का नाम बताने की मांग की है।

पात्रा ने कहा, पांच हजार करोड़ मामले का गबन हुआ है। पूरा मामला कोर्ट में गया है, इस मामले पर आज सोनिया से पूछताछ भी हो रही है। सोनिया जी आज स्वीकार करने की आवश्यकता है कि किस प्रकार से ये षड्यंत्र रचा गया था, कौन मुख्य षड्यंत्रकर्ता है।’

इधर, कांग्रेस लगातार सरकार पर बदले की राजनीति करने के आरोप लगा रही है। पार्टी के शीर्ष नेताओं से पूछताछ के विरोध में नेताओं और कार्यकर्ताओं जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

नेशनल

नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड : दो आरोपियों को उम्रकैद, तीन सबूतों के अभाव में बरी

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पुणे। महाराष्ट्र के पुणे की एक कोर्ट ने अंधविश्वास के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जबकि तीन को सबूतों के अभाव में बारी कर दिया है। आपको बता दें कि नरेंद्र दाभोलकर को 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मार दी गई थी।

उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह महाराष्ट्र के पुणे शहर में ओंकारेश्वर ब्रिज पर सुबह की सैर पर निकले थे। हमलावरों ने दाभोलकर पर एक के बाद एक लगातार 5 गोलियां दागी थीं, जिनमें 2 गोलियां मिसफायर हो गईं लेकिन 2 गोलियां उनके सिर और छाती में जा लगीं। उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।

घटना को अंजाम देने के बाद बाइक सवार हमलावर मौके से फरार हो गए थे। दाभोलकर की हत्या के पीछे की मुख्य वजह महाराष्ट्र अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति और सनातन संस्था के बीच के टकराव को माना जाता है। इस मामले में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है। विशेष लोक अभियोजक प्रकाश सूर्यवंशी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम से जुड़े मामलों की विशेष अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए.ए.जाधव संभवत: शुक्रवार को फैसला सुनाएंगे। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 20 गवाहों जबकि बचाव पक्ष ने दो गवाहों से सवाल-जवाब किए। अभियोजन पक्ष ने अपनी अंतिम दलीलों में कहा था कि आरोपी अंधविश्वास के खिलाफ दाभोलकर के अभियान के विरोधी थे।

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