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राहुल गांधी की ED के सामने पेशी आज, पोस्टर लगे- ये राहुल गांधी है, झुकेगा नहीं

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नई दिल्ली । नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश होंगे। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को राजनीतिक मोड़ देने में जुट गई है। इसी के मद्देनजर कल रात से पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी।

राहुल के आवास के बाहर पोस्टर लगाकर कांग्रेस ने भाजपा पर तंज कसे हैं। हालांकि, कांग्रेस इस मामले को एक बड़ी राजनीतिक लड़ाई में तब्दील कर रैली निकालने की सोच रही थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने रविवार को 13 जून को होने वाली कांग्रेस की रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया।

पोस्टर से किया कटाक्ष

कांग्रेस के पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा एआइसीसी मुख्यालय 24 अकबर रोड से एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय तक एक रैली निकाली जानी थी जिसे इजाजत नहीं दी गई।

दिल्ली पुलिस ने रैली की अनुमति नहीं देने के पीछे कानून-व्यवस्था का हवाला दिया वहीं कांग्रेस पार्टी ने इसके बाद पोस्टर वार शुरू कर दिया। राहुल के आवास के बाहर पोस्टर में लिखा गया, ये राहुल है सावरकर नहीं, झुकेगा नहीं।

‘रावण’ बनकर आया कांग्रेस समर्थक

दूसरी ओर राहुल की पेशी से पहले एक कांग्रेस समर्थक सड़क पर रावण का रूप धारण कर उतर गया। उसने कहा, सत्तारूढ़ सरकार ‘रावण’ की भूमिका निभा रही है जिसका कांग्रेस विरोध करती रहेगी। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि राहुल गांधी हमारे ‘राम’ हैं और हम उनके प्रति समर्पित हैं।

प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए

नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल की पेश होने से पहले कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय के पास एकत्र होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी ले लिया।

सोनिया गांधी की भी 23 को होनी है पेशी

इस बीच ईडी ने शुक्रवार को सोनिया गांधी को नया समन जारी कर नेशनल हेराल्ड मनी लान्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 23 जून को पेश होने को कहा। राहुल गांधी को आज जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया है।

उन्हें जांच में शामिल होने के लिए एक सप्ताह पहले बुलाया गया था लेकिन वह देश से बाहर थे और बाद में उन्हें जांच में शामिल होने के लिए 13 जून की नई तारीख दी गई।

कांग्रेस ने राजनीतिक प्रतिशोध का लगाया आरोप

इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह एक “राजनीतिक प्रतिशोध” है और मामले की जांच का कोई आधार नहीं है।

ईडी ने इस साल अप्रैल में नई दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल से भी नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पूछताछ की थी। इसके बाद एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत दोनों कांग्रेस नेताओं के बयान दर्ज किए।

यह है पूरा मामला

नेशनल हेराल्ड अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यंग इंडियन प्रा.लि. (वाईआईएल) के स्वामित्व में है। खड़गे जहां वाईआईएल के सीईओ हैं, वहीं पवन बंसल एजेएल के प्रबंध निदेशक हैं।

ईडी वर्तमान में एजेएल और वाईआईएल के कामकाज में शेयरधारिता पैटर्न और वित्तीय लेनदेन के साथ-साथ पार्टी पदाधिकारियों की भूमिका की जांच कर रहा है। YIL के प्रमोटरों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल हैं।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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