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स्मृति ईरानी बोलीं- जो बेल पर हैं, वो बना रहे दबाव, पात्रा ने कहा- जश्न-ए-भ्रष्टाचार
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से ईडी अधिकारियों की जारी पूछताछ के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, एक जांच एजेंसी पर दबाव डालने के लिए कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं को विशेष तौर पर आमंत्रित किया है।
जो बेल पर हैं उन्होंने घोषणा की है कि आओ दिल्ली को घेरो, क्योंकि हमारा भ्रष्टाचार पकड़ा गया है। कांग्रेस की इस रणनीति को आप क्या नाम देंगे? स्मृति ईरानी ने कहा, समाज की सेवा के लिए एक कंपनी बनाई जाती है, लेकिन वो कंपनी केवल गांधी परिवार की सेवा तक सीमित हो जाती है।
पात्रा ने भी बोला था कांग्रेस पर हमला
इससे पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी कांग्रेस पर हमला बोला था। कांग्रेस के प्रदर्शन को उन्होंने ‘भ्रष्टाचार का जश्न’ कहा था। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, दुनिया देख रही है कि कैसे भ्रष्टाचार भी ‘सत्याग्रह’ कर सकता है।
महात्मा गांधी ने दुनिया को सच्चाई के लिए लड़ना सिखाया जबकि कांग्रेस ने दुनिया को भ्रष्टाचार का जश्न मनाने और उसके लिए लड़ने की शिक्षा दी। यह राजनीतिक मामला नहीं है। गांधी परिवार जमानत पर बाहर है।
संबित पात्रा ने कहा, यह जश्न-ए-भ्रष्टाचार है। भ्रष्टाचार के लॉन्चिंग पैड से राहुल गांधी खुद को री-लॉन्च करने की नाकाम कोशिश बंद करें। भ्रष्टाचार को कबूल करें।
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा, राहुल गांधी के नेतृत्व में सत्य का संग्राम जारी रहेगा। आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेज भी कांग्रेस की आवाज को दबा नहीं पाए, फिर यह सत्ताधारी सरकार कैसे हमारी आवाज को दबाएगी।
उन्होंने मोदी सरकार को कायर बताते हुए कहा। मोदी सरकार ने कई बैरिकेटिंग और पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। मध्य दिल्ली में अघोषित आपातकाल लगाया है। यह साबित करता है कि मोदी सरकार कांग्रेस से हिल गई है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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