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अन्तर्राष्ट्रीय

पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, उठाया कश्मीर मुद्दा

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। इस चिट्ठी के ज़रिए उन्होंने दोनों देशों के बीच सार्थक संबंध की वकालत की है। ये जानकारी सूत्रों के ज़रिए सामने आई। उन्होंने कहा कि शरीफ के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने पर मोदी द्वारा भेजे गए बधाई संदेश के जवाब में शरीफ का यह पत्र शनिवार को आया है। कुछ दिन पहले अपने पत्र में मोदी ने शरीफ से कहा था कि भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान के साथ संरचनात्मक संबंध का इच्छुक है।

इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए जाने के अगले दिन शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री निर्वाचित किया गया था। पीएम मोदी ने ट्वीट करके शरीफ को बधाई दी थी और कहा था कि भारत आतंकवाद मुक्त क्षेत्र में शांति और स्थायित्व का इच्छुक है। उनके बधाई संदेश के जवाब में शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान, भारत के साथ शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध चाहता है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘शुभकामनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी को धन्यवाद। पाकिस्तान, भारत के साथ शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध का इच्छुक है। जम्मू और कश्मीर सहित बकाया विवादों का शांतिपूर्ण समाधान अपरिहार्य है। आतंकवाद से संघर्ष में पाकिस्तान का बलिदान भी जगजाहिर है। आइए शांति स्थापित करें और अपने लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान दें।’

मिली जानकारी के अनुसार, मोदी के पत्र के जवाब में शरीफ ने कश्मीर सहित सभी लंबित मुद्दों के हल की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा है कि पाकिस्तान, भारत के साथ शांतिपूर्ण और सहकारी संबंध का पक्षधर है। भारत यह कहता रहा है कि वह पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी की तरह रिश्ते चाहता है, लेकिन इस तरह के संबंध के लिए आतंक मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर होगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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