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अन्तर्राष्ट्रीय

रूस ने दी पश्चिमी देशों को चेतावनी, कहा-बाहरी दखल नहीं करेंगे बर्दाश्त

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नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा करते हुये पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि अगर कोई बाहरी दखल देने की सोचेगा तो उसे इतने गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, जो उसने इतिहास में नहीं झेला होगा। ब्रिटिश समाचार पत्र डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने अपने टीवी संदेश में कहा ,जो भी बाहरी इस मामले में दखल देने की सोच रहा है, वह यह जान ले कि अगर वह ऐसा करता है तो उसे इतने गंभीर परिणाम भुगतान होंगे,जो उसने इतिहास में नहीं भुगता होगा।

यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान की पुतिन की घोषणा के बाद कीव में धमाकों की आवाज सुनी गयी। पुतिन के आक्रामक तेवर को देखते हुये संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने उनसे अपनी तोपों को रोकने का आग्रह किया था। गुटरेस ने कहा कि अगर सच में सैन्य अभियान की तैयारी हो रही है तो राष्ट्रपति पुतिन आप अपनी सेना को यूक्रेन पर हमला करने से रोकें। शांति को एक मौका दें। पहले ही बहुत लोग मारे जा चुके हैं।

पुतिन ने लेकिन संरा महासचिव के आग्रह को अनसुना करते हुये टीवी पर कहा कि वह यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान की अनुमति दे रहे हैं और यह अभियान यूक्रेन पर कब्जे के लिये नहीं है। पुतिन ने साथ ही यूक्रेन की सेना से कहा कि वे अपने हथियार छोड़ दें और घर लौट जायें। पुतिन का कहना है कि यूक्रेन की ओर से मिल रहे खतरे के लगातार संकेत के बीच रूस अस्तित्व में नहीं रह सकता है। रूस और यूक्रेन की सेना के बीच झड़प को टाला नहीं जा सकता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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