अन्तर्राष्ट्रीय
इंडोनेशिया में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गई तीव्रता
नई दिल्ली। इंडोनेशिया के पश्चिमी पापुआ प्रांत में गुरुवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 मापी गई है, लेकिन इससे नुकसान या हताहत होने की कोई प्रारंभिक रिपोर्ट जारी नहीं की गई। मौसम विज्ञान एजेंसी ने इसकी जानकारी दी।
देश के मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी के अनुसार, भूकंप के झटकों ने संभावित रूप से सुनामी को ट्रिगर नहीं किया। एजेंसी ने कहा कि भूकंप दोपहर 12.46 बजे आया, जिसका केंद्र कैमाना जिले से 115 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में और 14 किलोमीटर गहराई में था। एजेंसी के मुताबिक भूकंप के झटके प्रांत में महसूस नहीं किए गए।
पश्चिमी पापुआ प्रांत में आपदा प्रबंधन एजेंसी की आपातकालीन इकाई के एक अधिकारी अगुस सैफुल ने भी कहा कि प्रांत में भूकंप के झटके महसूस नहीं किए गए। अधिकारी ने सिन्हुआ को फोन पर बताया, अभी तक, इमारतों या घरों के क्षतिग्रस्त होने, घायल या किसी के हताहत होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। यहां झटके महसूस नहीं किए गए।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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