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चिदंबरम को मिली बड़ी राहत, हाई कोर्ट ने रद्द की सीबीआई की याचिका

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में आरोपी व्यक्तियों द्वारा जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों का निरीक्षण करने की अनुमति देने के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति शामिल हैं।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की एकल पीठ ने विशेष न्यायाधीश के 5 मार्च के आदेश को रद्द करने की सीबीआई की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें आरोपी व्यक्तियों या उनके वकील द्वारा रिकॉर्ड रूम में रखे गए दस्तावेजों के निरीक्षण की अनुमति दी गई थी।

इससे पहले इस साल 27 अगस्त को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। सीबीआई की ओर से अधिवक्ता अनुपम एस शर्मा पेश हुए, जबकि वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा, प्रमोद कुमार दुबे और सिद्धार्थ अग्रवाल ने चिदंबरम का प्रतिनिधित्व किया।

सीबीआई दस्तावेजों के निरीक्षण का इस आधार पर विरोध करती रही है कि आरोपी व्यक्तियों को मालखाना के अंदर अनुमति देना, चल रहे हाई-प्रोफाइलमनी लॉन्ड्रिंग मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। जांच एजेंसी ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है, लेकिन समाज के सामूहिक हित को प्रभावित नहीं किया जा सकता है।

चिदंबरम और कार्ति फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त, 2019 को 15 मई, 2017 को दर्ज एक मामले में आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये विदेशी धन प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया था।

उनके बेटे कार्ति चिदंबरम कई मुद्दों में शामिल थे और 2017 में, सीबीआई ने उन पर और आईएनएक्स मीडिया के प्रमोटरों पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी इंद्राणी पर साजिश, धोखाधड़ी, लोक सेवकों को प्रभावित करने और कदाचार का आरोप लगाया था।

सीबीआई ने अपने हलफनामे में कहा कि कार्ति चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया को मॉरीशस के तीन निवेशकों से विदेशी निवेश की मंजूरी दिलाने में मदद करने के लिए अपनी पावर का इस्तेमाल किया था, क्योंकिउनके पिता पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) का मामला भी दर्ज किया था।

नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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