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सीएम योगी ने सांसदों-विधायकों को दिया जीत का मंत्र, बोले-लाभार्थियों के घर जाएं-संपर्क बनाएं

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांसदों-विधायकों को सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के घर-घर जाने का लक्ष्य दिया है। सीएम ने कहा है कि बीते साढ़े चार वर्षों में वंचित तबका सरकार की नीतियों के केंद्र में रहा है। बाढ़ हो या कोरोना, लोगों को लगा कि भाजपा सरकार और पार्टी कार्यकर्ता उनके परिवार का हिस्सा है। लोगों के मन में शासन के प्रति एक विश्वास का सृजन हुआ है। हर तबका उत्साहित है। यही उत्साह और विश्वास हमारी पूंजी है। सरकार की कोशिशों से करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव आया है। हमें उन तक अपनी पहुंच बनानी होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को गोरक्ष व काशी प्रान्त के भाजपा सांसदों, विधायकों और जिलाध्यक्षों के साथ विकास परियोजनाओं के संबंध में विमर्श कर रहे थे। मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा के यूपी चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल और उपमुख्यमंत्री द्वय की मौजूदगी भी रही। जिलावार सांसदों-विधायकों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कोई विधानसभा क्षेत्र नहीं होगा, जहां ₹1,000 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाएं न स्वीकृत हुई हों। आज हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित हो रहे हैं तो मेडिकल की जरूरतों के लिए ऑक्सीजन जेनरेशन में भी हम आत्मनिर्भर हो रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में किसान, महिला, नौजवान के सपने साकार हो रहे हैं। इन सबसे प्रदेश में एक सकारात्मक माहौल है। सीएम ने कहा कि सांसद-विधायक और जनप्रतिनिधि-संगठन पदाधिकारियों के बीच परस्पर समन्वय बना रहे। यह समन्वय और टीम वर्क आगामी विधानसभा चुनावों में बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।

तथ्य-तर्क के साथ जनता को बताएं हम हैं औरों से बेहतर: प्रधान

केंद्रीय मंत्री और भाजपा के यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने जनप्रतिनिधियों को तथ्य और तर्क के साथ जनता के बीच जाने का मंत्र दिया। राजनीति में दलीय प्रतिस्पर्धा का जिक्र करते हुए प्रधान ने कहा कि निःसन्देह बीते साढ़े चार साल में योगी सरकार ने जिस तरह केंद्र सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया है, वह अद्भुत है। कोरोना काल में सीएम योगी की संवेदनशीलता को हम सबने महसूस किया है। अब हमें अपने इन सफल प्रयासों और उपलब्धियों के साथ चुनाव में जाना है। बेहतर है कि हर सांसद, विधायक संगठन पदाधिकारी पिछली सरकारों और योगी सरकार के तुलनात्मक आंकड़ों के साथ अपडेट रहें। सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र पोषित जो योजनाएं लंबित हों, उनके लिए सांसदों को खुद पहल कर केंद्रीय मंत्रीगणों से संवाद करना चाहिए।

समाज विरोधी ताकतों से रहें सतर्क-सावधान: स्वतंत्र देव

2022 विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि भाजपा विचारधारा आधारित पार्टी है। कुछ समाजविरोधी ताकतें हमें तोड़ने और बदनाम करने में लगे हैं। पूरे देश की निगाह उत्तर प्रदेश पर है। लोग प्रदेश को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। हमारी छोटी-छोटी बातों को भी लोग बड़ा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए हमें एकजुटता बनाए रखनी होगी। उन्होंने कहा कि सांसद विधायकों के अभिभावक की भूमिका में रहें। जिलाध्यक्ष और विधायकों का मार्गदर्शन करते रहें।

हर कार्यकर्ता-मतदाता तक बनाएं सम्पर्क, दिसंबर तक डेढ़ करोड़ नए सदस्य जोड़ने का है लक्ष्य: सुनील बंसल

पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने भाजपा सांसदों-विधायकों को एक-एक कार्यकर्ता और मतदाता तक सीधा संपर्क करने को कहा। उन्होंने बताया कि दिसंबर तक डेढ़ करोड़ नए लोगों को भाजपा परिवार का हिस्सा बनाने का लक्ष्य है। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सभी सांसदों, विधायकों, मोर्चा, प्रकोष्ठों की सहभागिता होनी जरूरी है। हर बूथ पर सदस्यता का यह विशेष अभियान मतदाता तक सीधे पहुंच बनाने में भी सहायक होगा। मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताते हुए बंसल ने कहा कि विधायकों को अपने क्षेत्रों की गहन पड़ताल कर लेनी चाहिए। एक भी पात्र व्यक्ति मतदाता बनने से न छूटे, इस का ध्यान रखना होगा। पार्टी के ‘पन्ना प्रमुख” अभियान की चर्चा करते हुए सुनील बंसल ने बूथ समितियों की सूची अपडेट हो रही है। 15 अक्टूबर तक “पन्ना प्रमुख” बनने का अभियान भी चल रहा है। इसमें सभी विधायकों की सक्रिय भागीदारी रहे। जिस पन्ने बतौर मतदाता आपका नाम है, उसी के पन्ना प्रमुख बनें। बंसल ने कहा कि संगठन और सरकार के समन्वय के साथ आगामी चुनाव में भाजपा जीत का परचम लहरायेगी।

सांसदों/विधायकों ने दिया फीडबैक, बोले, जनता है हमारे साथ

मुख्यमंत्री आवास पर दो अलग-अलग सत्रों में आयोजित इस बैठक में एक ओर जहां जनप्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्रों में हुए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए संगठन विस्तार के प्रयासों की जानकारी दी, तो आगामी चुनावों के दृष्टिगत क्षेत्रीय आवश्यकताओं से अवगत कराया। गोरख प्रान्त के 12 और काशी प्रान्त के 16 जिलों से आये सांसदों, विधायकों व पार्टी जिलाध्यक्षों ने सीएम योगी और संगठन नेतृत्व से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के समवेत प्रयास से आज सामान्य व्यक्ति को शासन की योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। आमजन सरकार की भेदभाव रहित नीतियों से बहुत खुश है। गोरख क्षेत्र के विधायकों ने गोरखपुर व आसपास के क्षेत्रों के लिए हुए विकास कार्यों को अभूतपूर्व बताते हुए मुख्यमंत्री योगी के प्रति आभार जताया।

गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान, नई चीनी मिलों के संचालन और पुरानी की क्षमता वृद्धि, महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आधी आबादी के स्वावलम्बन, किसान कर्ज माफी, पराली जलाने पर दर्ज मुकदमे की वापसी, किसान सम्मान निधि, फसल सिंचाई जैसी योजनाओं ने हर वर्ग को बड़ा सम्बल दिया है। यही नहीं, विधायकों ने बिजली क्षेत्र में हुए व्यापक सुधार, मिशन शक्ति से महिलाओं की सुरक्षा व स्वावलम्बन, मिशन रोजगार और ग्राम पंचायत सचिवालय के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद दिया। बैठक में विधायकों ने घोषित परियोजनाओं के शिलान्यास और पूर्णता की ओर अग्रसर कार्यों के शीघ्र लोकार्पण की अपील की। मुख्यमंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों से क्षेत्रीय जरूरत के अनुसार विकास योजनाओं के औपचारिक प्रस्ताव उपलब्ध कराने को कहा।

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चयन परीक्षाओं की शुचिता के साथ खिलवाड़ स्वीकार नहीं, शीघ्र लागू होगा नया कानून: मुख्यमंत्री योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया तेज करने के लिए शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में विभिन्न चयन आयोगों के अध्यक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। चयन परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता और गोपनीयता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने इस दौरान चयन प्रक्रियाओं में व्यापक सुधार पर जोर दिया, साथ ही चयन प्रक्रिया की समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने आयोगों में प्रचलित चयन प्रक्रियाओं और भावी कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी ली और शासन से उनकी अपेक्षाओं के बारे में भी पूछा।

*बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश:-*

● युवाओं के हित संरक्षण के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। हर एक युवा की मेहनत, मेधा और प्रतिभा का सम्मान है। पेपर लीक अथवा साल्वर गैंग जैसी अराजक गतिविधियों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे अपराध में संलिप्त हर अपराधी के खिलाफ ऐसी कठोरतम कार्रवाई की जाए, जो नजीर बने। ऐसे प्रकरणों में अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कठोर कानून लाया जाना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत यथाशीघ्र आवश्यक कार्यवाही की जाए।

● चयन आयोगों से अपेक्षा है कि वे भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर समय से जारी करें और कड़ाई के साथ उसका अनुपालन करें। कैलेंडर के अनुसार परीक्षा न होने से अभ्यर्थियों को असुविधा होती है, इसका ध्यान रखा जाए।

● सभी चयन आयोग परस्पर समन्वय के साथ यह सुनिश्चित करें कि एक दिन में एक ही परीक्षा आयोजित की जाए। ऐसा होने से एक ओर जहां परीक्षा आयोजकों/स्थानीय प्रशासन को व्यवस्था बनाने में आसानी होगी, वहीं युवाओं को भी बड़ी सुविधा होगी।

● कतिपय पदों के लिए शैक्षिक अर्हता निर्धारण में ‘समकक्ष योग्यता’ के संबंध में विसंगतियों की सूचना प्राप्त हुई है। संबंधित विभाग द्वारा प्रकरण का समाधान कर आयोग को सही जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

● चयन परीक्षाओं के सेंटर के लिए राजकीय माध्यमिक, डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज अथवा साफ-सुथरे ट्रैक रिकॉर्ड वाले ख्याति प्राप्त सुविधा संपन्न वित्त पोषित शैक्षिक संस्थान ही सेंटर बनाए जाएं। सेंटर वहीं होंगे, जहां सीसीटीवी की व्यवस्था होगी। यह भी सुनिश्चित कराएं कि परीक्षा केंद्र नगरीय क्षेत्र में ही हों। परीक्षा केंद्र निर्धारण में महिलाओं और दिव्यांगों की अपेक्षाओं का ध्यान रखा जाए।

● यदि एडेड कॉलेज को सेंटर बनाया जाता है तो संबंधित प्रबंधक परीक्षा व्यवस्था में कहीं से भी सम्मिलित न हो। केंद्र व्यवस्थापक के रूप में दूसरे संस्थान के प्रधानाचार्य को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। जिलाधिकारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक को भी व्यवस्था से जोड़ें। गड़बड़ी हुई तो इनकी भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

● प्राथमिक, माध्यमिक, प्राविधिक, व्यावसायिक आदि शिक्षण संस्थानों में शिक्षक चयन की प्रक्रिया में बड़ा सुधार करते हुए हाल ही में शिक्षा सेवा आयोग का गठन किया गया है। इसके सदस्य नामित किए जा चुके हैं, अध्यक्ष की नियुक्ति भी यथाशीघ्र कर दी जाएगी। नवगठित आयोग द्वारा चयन की कार्यवाही समय से प्रारंभ करने की अपेक्षा है।

● पेपर सेट करने की प्रक्रिया, उनकी छपाई, कोषागार तक पहुंचाने, कोषागार से परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने, परीक्षा केंद्र की व्यवस्था, परीक्षा के बाद OMR आयोग तक पहुंचाने OMR की स्कैनिंग, परिणाम तैयार करने सहित पूरी व्यवस्था में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। अलग-अलग कार्यों के लिए अलग-अलग एजेंसियों का उपयोग करें। एजेंसी के रिकॉर्ड की भलीभांति जांच करने के बाद ही दायित्व दें।

● हर पाली में 02 या अधिक पेपर सेट जरूर होने चाहिए। प्रत्येक सेट के प्रश्नपत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसी का माध्यम से कराया जाना चाहिए। पेपर कोडिंग को भी और व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। तलाशी लेने के लिए महिला कर्मियों की तैनाती जरूर हो।

● शुचिता और गोपनीयता के दृष्टिगत चयन आयोगों को परीक्षा से पूर्व, परीक्षा के दौरान और परीक्षा के उपरांत शासन स्तर के शीर्ष अधिकारियों तथा एसटीएफ के संपर्क में रहना चाहिए।

● परीक्षाओं की शुचिता के संबंध में आवश्यक सुधार की यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव में लानी होगी। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग द्वारा चयन आयोगों से संपर्क-संवाद कर यथाशीघ्र इसे लागू करा दिया जाए।

● नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की गई है, उसका उपयोग करें। सभी विभाग नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पूर्व नियमावली का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लिया जाए। भर्ती प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब न किया जाए।

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