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पटरी पर फिर दौड़ी लखनऊ मेट्रो, इन बातों का रखा जाएगा ध्यान

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लखनऊ। कोरोना काल में बंद पड़ी लखनऊ मेट्रो एक बार फिर शुरू हो गई है। हालांकि कोरोना के कारण आज मेट्रो में कुछ कम भीड़ नजर आई। लखनऊ मेट्रो सोमवार को सुबह सात बजे से शुरू हो गई है। इसके लिए बकायदा कोविड को ध्यान में रखते हुए नियम बनाए गए हैं। वहीं, लखनऊ मेट्रो पर कई नई तकनीकी शुरू की गई हैं, ताकि कोविड गाइडलाइंस का पालन हो सके.

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने बताया, मेट्रो परिवहन संसाधनों में सबसे बेहतर विकल्प लखनऊ मेट्रो है। मेट्रो स्टेशनों को हर 4 से 5 घंटे में सैनिटाइज किया जा रहा है। लिफ्ट, स्वचालित सीढ़ियां, काउंटर, ऑटोमेटिक फेयर गेट और टिकट वेंडिग मशीन को 3 से 4 घंटे में सैनिटाइज करने के निर्देश हैं। इसके लिए स्टेशनों पर तैनात अफ सरों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सभी मेट्रो स्टेशनों पर नैपकिन की भी व्यवस्था की गई है। वास्तव में हैंड वॉश और स्टेशन पर प्रवेश करते समय सैनिटाइजर की भी व्यवस्था की गई है, यात्री इसका प्रयोग अवश्य करें। मेट्रो ने गो स्मार्ट कार्ड को प्रोत्साहित करने के लिए एक्टिवेशन चार्जेज भी खत्म कर दिए हैं।

लखनऊ मेट्रो ने सोमवार से 16 ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है। यात्रियों को मेट्रो के लिए लंबे समय तक इंतजार न करना पड़े इसलिए हर 5:30 मिनट बाद ट्रेन मिलेगी। वहीं, हर कोच में यात्रियों को एक सीट छोड़ कर बैठना होगा। मेट्रो अपनी पूरी क्षमता का 40 फ़ीसदी यात्री को सफ र कराएगी जिससे कोविड-19 का पालन पूरी तरह से हो सके।

उन्होंने बताया कि मेट्रो हर स्टेशन पर रुकेंगी और मास्क अनिवार्य होगा, किसी भी यात्री को मास्क लाना भूल जाने की स्थिति में प्रदान किया जाएगा। प्रवेश और निकास के लिए कोई अलग द्वार नहीं है। हाथों को साफ करने के लिए हर गेट पर सैनिटाइजर उपलब्ध होगा। यात्रियों की सुरक्षा के लिए, टिकट काउंटरों, टिकट वेंडिग मशीनों और सुरक्षा चेकअप के लिए सभी स्टेशनों पर सोशल डिस्टेंसिग के निर्देश हैं। मेट्रो के अंदर भी यात्रियों के बीच पर्याप्त अंतर बनाए रखने के लिए वैकल्पिक सीटों पर सोशल डिस्टेंसिग माìकग की गई है। लखनऊ मेट्रो यात्रियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूवी किरणों का उपयोग करके टोकन को मंजूरी दी गयी है।

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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

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लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

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