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केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यूपी सरकार को दिया कोरोना संकट को अवसर में बदलने का सुझाव

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केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यूपी सरकार को कोरोना संकट को अवसर में बदलने का सुझाव दिया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह से अपनी वार्ता के दौरान ये सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के चलते इस समय हजारों को संख्या में कुशल मजदूर गांवों में मौजूद हैं। ऐसे में उनका उपयोग कर जलशक्ति मिशन को मजबूती दी जा सकती है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह के साथ जल जीवन मिशन द्वारा हर घर जल पहुंचाने की योजना की समीक्षा कर रहे थे।

प्रवासी मजदूर बनेंगे ताकत

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक कोरोना संक्रमण के समय में शहरों से भारीद तादाद में कुशल श्रमिक गांव में आए हैं। उनके पास गांव में काम नहीं है, और वे रोजी रोटी की चिंता से परेशान हैं। ऐसे समय में जल जीवन मिशन के जरिए हर घर को जल से जोड़ने की योजना के कामों की शुरुआत इन कुशल मजदूरों से कराई जाय।
इससे गांवों में मौजूद कुशल कारीगरों का उपयोग हो सकेगा। उन्हें सम्मानजनक रोजगार मिल सकेगा । इसके साथ ही जलशक्ति मिशन और गांव में पानी से जुड़ा बुनियादी ढांचा भी बनकर तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक जंपस्टार्ट भी दिया जा सकेगा।

इस साल यूपी में 1 करोड़ परिवारों को नल से जल

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल ही 1 करोड़ परिवारों को जल से नल पहुंचाने की योजना बना चुकी है। इसमें से 40 लाख कनेक्शन तीन से चार महीनों में ही दिए जाएंगे, बाकी के कनेक्शन नई स्कीमों के माध्यम से दिए जाएंगे। तीन महीनों में 40 लाख कनेक्शन जिन जगहों पर दिए जाने हैं वहां पर पाइप लाइन की सुविधा पहले से उपलब्ध है।

यूपी के जलशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में तराई एवं गंगा जमुना एवं दूसरी नदियों के तट पर गांवों का विस्तार हुआ है। अब सरकार इन गांवों को सबसे पहले हर घर नल से जल योजना से जोड़ने वाली है। दरअसल इन गांवों में भूजल भी उपलब्ध है वहां पर पानी की क्वालिटी भी बहुत अच्छी है। ऐसें में इस साल इन गांवों में हर घर को नल से जोड़ने का कार्यक्रम लिया जाएगा।

पानी की क्वालिटी और पारदर्शिता बहुत जरुरी

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने भी वाटर क्वालिटी के मुद्दे पर भी चर्चा की और कहा कि उत्तर प्रदेश में कुल 88 प्रयोगशाला हैं परंतु उनमें से केवल एक प्रयोगशाला एनएबीएल के द्वारा मान्यता प्राप्त है। प्रदेश सरकार इस मामले को भी गंभीरता से लेकर इस वर्ष में ही सभी प्रयोगशालाओं को एनएबीएल की मान्यता प्रदान करवा सकती है। डॉक्टर सिंह ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री को बताया कि यूपी सरकार हर एक गांव को पानी के लिए आत्मनिर्भर भी बनाना चाहती है। इसके लिए बुनियादी ढांचे के लिए जरूरी धनराशि हर गांव को दी जा रही है। पैसों का सही उपयोग हो इसके लिए हर ग्रामीण इलाके में एक सहायक संस्था भी नियुक्त की जा रही है। ये संस्था जो गांव के लोगों को जल संरक्षण, पानी से संबंधित हिसाब किताब, दस्तावेज, खर्च रजिस्टर के बारे में जरूरी ट्रेनिंग देगी। काम की गुणवत्ता अच्छी रहे और पूरी तरह पारदर्शिता बरती जा सके इसके लिए गांव की समिति की निगरानी में काम कराया जा रहा है।

अफसरों ने भी दिए महत्वपूर्ण इनपुट

बैठक में मौजूद भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव परमेश्वरण और यूपी सरकार के प्रमुख सचिव जलशक्ति अनुराग श्रीवास्तव भी मौजूद थे। परमेश्वरण ने सुझाव दिया कि जलशक्ति मिशन में गांव वालों की भागीदारी बहुत जरुरी है। इससे न केवल व्यवस्था की आयु लंबी होगी बल्कि हर व्यक्ति का योजना से खुद भी जुडाव होगा। वहीं अनुराग श्रीवास्तव ने भरोसा दिलाया कि इस साल के 1 करोड़ के लक्ष्य को लगभग डेढ़ करोड़ तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए करीब 80 हजार गांवों में ग्रामीणों के कौशल विकास के लिए ट्रेनिंग भी तुरंत शुरु की जा रही है।

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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