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प्रादेशिक

पुरुष के सर्टिफिकेट पर महिला कर रही थी सरकारी नौकरी, एसटीएफ ने पकड़ा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप चकरा जाएंगे। यहां एक महिला हेडमास्टर फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर कई साल से सरकारी नौकरी करने के आरोप  गिरफ्तार किया गया है।

हैरानी वाली बात ये है कि महिला एक पुरुष का फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी कर रही थी। एसटीएफ की जांच रिपोर्ट के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने आरोपी शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया है। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अब रिकवरी की तैयारी की जा रही है।

प्राथमिक विद्यालय बहोरवा में नीरज नाम की महिला हेड मास्टर तैनात थी जिसकी एसटीएफ जांच कर रही थी। जांच में यह तथ्य सामने आया है कि इस शिक्षिका ने  हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के दस्तावेज पश्चिम चंपारण के एक विद्यालय के लगाए थे।

सभी दस्तावेजों और अनुक्रमांक की जांच की गई, तो हैरान करने वाला मामला सामने आया। यहां जो प्रमाणपत्र है वह नीरज नाम के किसी पुरुष पर दर्ज हैं।

एसटीएफ ने जांच कर स्कूल से सारे तथ्य जुटाए और देवरिया के बेसिक शिक्षा विभाग को सौंपे। जिसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने महिला को चार बार नोटिस जारी किया लेकिन आरोपी शिक्षिका कार्यालय में उपस्थित होकर एक भी बार स्पष्टीकरण नहीं दिया। जिसके बाद महिला हेडमास्टर की बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश नारायण श्रीवास्तव का कहना है कि प्राथमिक विद्यालय बहोरवा में नीरज नाम की महिला हेड मास्टर है। उन्होंने नीरज नाम के पुरुष के प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल की है।

जिसमें शिकायत के बाद जांच में सभी तथ्य जुटाने के बाद एसटीएफ ने हमारे पास बर्खास्तगी के लिए चिट्ठी लिखी और हमने तुरंत एक्शन लिया।

इससे पहले हुई एसटीएफ जांच में दो दर्जन से ज्यादा टीचर फर्जी प्रमाणपत्र के कारण बर्खास्त किये जा चुके हैं। वहीं शिक्षा विभाग महिला हेड मास्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है। विभाग से अब तक उन्होंने जितना पैसा लिया है उसकी रिकवरी की जाएगी।

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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

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लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

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