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प्रादेशिक

यूपी में कोरोनाः पुलिस ने लोगों से की इकठ्ठा न होने की अपील, भीड़ ने कर दिया हमला

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नई दिल्ली। जिले के थाना भोपा अंतर्गत गांव मोरना में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग लागू करने पहुंची पुलिस को भीड़ ने लहूलुहान कर दिया। गांव वालों की भीड़ द्वारा किए गए हमले में चौकी इंचार्ज मोरना सब-इंस्पेक्टर लेखराज सिंह सहित दो सिपाही बुरी तरह जख्मी हो गए।

चौकी इंचार्ज की गंभीर हालत के चलते उन्हें तत्काल इलाज के लिए अब से कुछ देर पहले ही मेरठ रेफर कर दिया गया है। इस सिलसिले में पुलिस ने मोरना गांव के पूर्व प्रधान और उसकी दो पुत्रवधुओं को गिरफ्तार कर लिया है।

देर रात आईएएनएस से फोन पर बात करते हुए घटना की पुष्टि जिला पुलिस प्रवक्ता सतेंद्र सिंह ने की। घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव सहित तमाम आला पुलिस अफसर घटनास्थल पर पहुंच गए। घटनाक्रम के मुताबिक, “शाम करीब 6 बजे चौकी इंचार्ज मोरना सब-इंस्पेक्टर लेखराज सिंह और दो सिपाही रवि कुमार व एक अन्य सिपाही के साथ इलाके में घूम रहे थे। उसी वक्त पुलिस वालों ने मोरना गांव में करहेड़ मोड़ पर मौजूद भीड़ देखी।”

मुजफ्फरनगर जिला पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, “गांव वालों की भीड़ गांव के पूर्व प्रधान नाहर सिंह के घर के बाहर इकट्ठी थी। पुलिस टीम ने नाहर सिंह और भीड़ में मौजूद लोगों से लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की बात कही। इस पर भीड़ पुलिस वालों के ऊपर टूट पड़ी। भीड़ गांव की कई महिलाएं भी आकर शामिल हो गईं। भीड़ के हाथों में लाठी-डंडे, लोहे सरिया इत्यादि थे। भीड़ ने पुलिस टीम को घेरकर सुनियोजित तरीके से हमला किया था। इसलिए पुलिसकर्मी खुद का बचाव भी नहीं कर पाए।”

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक (देहात) नेपाल सिंह, व भोपा के क्षेत्राधिकारी (सीओ) राम मोहन शर्मा भी मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल लेकर पहुंच गए। अधिकारियों ने मौके पर बेहोश पड़े पुलिस कर्मियों को तुरंत पास के ही सरकारी अस्पताल में दाखिल कराया। बुधवार देर रात सब-इंस्पेक्टर (मोरना चौकी इंचार्ज) लेखराज सिंह की हालत गंभीर होने पर उन्हें मेरठ रेफर कर दिया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव के मुताबिक, “फिलहाल हमलावरों में तीन लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं। गिरफ्तार लोगों में गांव मोरना का ही पूर्व ग्राम प्रधान नाहर सिंह व उसके दोनो बेटों की बहुएं शामिल हैं। बाकी लोग मौके से भागने में कामयाब हो गए। उनकी तलाश में पुलिस टीमें निकली हुई हैं।”

उत्तर प्रदेश

गाजियाबाद में घर से मिले मां-बेटे के शव मिलने से सनसनी, कैश और गहने गायब

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गाजियाबाद। गाजियाबाद आज डबल मर्डर से दहल गया। यहां लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र के गुलाब वाटिका कालोनी के एक घर से मां-बेटे की लाशें मिली हैं, जो बेड पर खून से सनी हालत में पड़ी थीं। वहीं जांच में पता चला कि घर में रखने गहने और कैश गायब हैं। यशोदा के पति हरि नारायण की 10 साल पहले मौत हो चुकी थी। बेटा बिजेंदर दिव्यांग था।

घटना मकान की दूसरी मंजिल पर हुई है। बाकी परिवार तीसरी मंजिल पर सो रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। मृतक यशोदा देवी पत्नी हरि नारायण, परिवार के साथ रहती थीं।

यशोदा के पति की करीब 10 साल पहले मौत हो चुकी है। यशोदा का बेटा बिजेंदर दिव्यांग था। मकान की तीसरी मंजिल पर बिजेंद्र का भाई धर्मेंद्र अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रह रहा है। सुबह यशोदा और उसके बेटे बिजेंद्र का शव कमरे में बेड के ऊपर मिला।

दोनों लहूलूहान पड़े थे। धर्मेंद्र के बच्चे जब नीचे आए तो उन्हें घटना का पता चला। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। परिवार का आरोप है कि हत्यारे घर में घुसे और यशोदा और बिजेंद्र की हत्या कर दी।

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