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इस जानवर में मिला कोरोना जैसा वायरस, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस चीन से निकलकर अब पूरी दुनिया में फैल चुका है। इस महामारी से दुनियाभर के 20 हजार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस खतरनाक वायरस पर काबू पाने के लिए हर देश के शोधकर्ता लगे हुए हैं।

26 मार्च को जर्नल नेचर में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जर्नल में एक शोध प्रकाशित हुआ है जिसमें इस बात की पुष्टि हुई है कि कोविड-19 से मिलता-जुलता कोरोना वायरस पैंगोलिन जानवर में मौजूद है।

चमगादड़ के अलावा कोरोना वायरस के परिवार से संक्रमित होने वाला पैंगोलिन इकलौता स्तनपायी जीव बन गया है। इस स्टडी में सीधे तौर पर यह तो नहीं निष्कर्ष नहीं निकाला गया है कि मौजूदा महामारी के लिए पैंगोलिन ही जिम्मेदार है लेकिन इसमें संकेत दिए गए हैं कि नए कोरोना वायरस के पैदा करने में इस जानवर की अहम भूमिका हो सकती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, चमगादड़ों के कोरोना वायरस SARS-CoV के वाहक होने की सबसे ज्यादा संभावना है लेकिन इंसानों में आने से पहले ये किसी अन्य प्रजाति में पहुंचा होगा। यानी कोरोना वायरस चमगादड़ से पहले किसी जानवर में पहुंचा होगा और उस जानवर से इंसानों में।

पैंगोलिन एक संकटग्रस्त, विशाल और चींटी खाने वाला स्तनपायी है जो एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर द कंजरवेशन में पैंगोलिन के संरक्षण की जिम्मेदारी संभाल रहे डैन चैंडलर ने बताया, पैंगोलिन कोरोना वायरस के वाहक माने जाते हैं। ये हैरान करने वाला नहीं है कि कोरोना वायरस के स्रोत को समझने के लिए सबकी नजरें पैंगोलिन पर टिक गई हैं।

हालांकि, पैंगोलिन की 8 प्रजातियों की कमर्शियल बिक्री पर पूरी तरह से बैन है लेकिन इसके बावजूद दुनिया भर में पैंगोलिन की सबसे ज्यादा तस्करी होती है। पारंपरिक चीनी औषधियों के लिए हजारों पैंगोलिन की हर साल तस्करी होती है। चीन, वियतनाम और एशिया के कुछ देशों में इसके मांस को स्टेटस सिंबल से भी जोड़कर देखा जाता है। कोरोना वायरस शरीर के द्रव्य, मल और मांस से आसानी से फैल सकता है। इसलिए खाने के लिए पैंगोलिन का इस्तेमाल ज्यादा चिंता की बात है। पैंगोलिन को इसकी स्कैल्स के लिए भी मारा जाता है लेकिन उसके संपर्क में आना मांस की तुलना में कम खतरनाक है।

नए रिसर्च में पाया गया है कि पैंगोलिन में पाए गए कोरोना वायरस की जीन संरचना मौजूदा कोरोना वायरस की जीन संरचना से 88.5 फीसदी से लेकर 92.4 तक फीसदी मेल खाता है।

2017 और 2018 में स्मग्लिंग के खिलाफ ऑपरेशन में जब्त किए गए 18 सूंडा पैंगोलिन से टिश्यू सैंपल लिए गए। शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए टेस्ट किया। उन्होंने पाया कि 18 पैंगोलिन में से 5 के सैंपलों में कोरोना वायरस पाए गए। वैज्ञानिकों ने इसके बाद इन वायरसों के जीनोम संरचना की तुलना SARS-CoV-2 से की।

अपने निष्कर्ष में सावधानी बरतते हुए शोधकर्ताओं ने कहा कि जीनोम की समानता यह साबित करने के लिए काफी नहीं है कि पैंगोलिन ने ही SARS-CoV-2 को चमगादड़ों से इंसानों में पहुंचाया। हालांकि, इसे खारिज भी नहीं किया गया है। पेपर में कहा गया है कि पैंगोलिन को भी भविष्य में आने वाले किसी नए कोरोना वायरस के संभावित वाहकों की सूची में रखा जाना चाहिए।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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