अन्तर्राष्ट्रीय
इराक में आईएस ने 33 लोगों की हत्या की
बगदाद| इराक के पश्चिमी प्रांत अनबर की राजधानी रमादी के निकट इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों ने महिलाओं व बच्चों सहित 33 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। प्रांत के एक सुरक्षा सूत्र ने शनिवार को यह जानाकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सूत्र ने कहा कि आईएस आतंकवादियों ने रमादी के उत्तर में स्थित अबु फराज इलाके को शुक्रवार को नियंत्रण में लेने के बाद 33 लोगों को बंधकर बना लिया। सूत्र के मुताबिक, शुक्रवार देर शाम आतंकवादी समूह ने सुरक्षाबलों तथा सरकार समर्थित साहवा सुन्नी अर्धसैनिक समूहों का सहयोग करने के आरोप में 15 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद इसी कारण से 18 अन्य लोगों को भी मार डाला गया। सूत्र ने कहा, “सभी पीड़ितों के सिर में गोली मारकर उनकी हत्या की गई।”
सूत्र ने कहा कि आईएस आतंकवादियों ने शुक्रवार सुबह अबु फराज इलाके पर कई दिशाओं से हमला बोला, जिसके बाद सुरक्षा बलों व सरकार समर्थित साहवा सुन्नी अर्धसैनिक समूहों से उनकी घमासान लड़ाई हुई। इसके बाद आतंकवादी समूह इलाके के बड़े हिस्से पर कब्जा करने में कामयाब हो गया, जो यूफरेट्स नदी के उत्तरी तट पर स्थित है और उसे रमादी के इलाकों से अलग करता है। सूत्र के मुताबिक, शनिवार सुबह अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना ने अबु फराज इलाके में आईएस के ठिकानों पर हवाई हमले किए। यह इलाका अभी भी आतंकवादियों के कब्जे में है। इसी बीच, इराकी बलों तथा नागरिक सेना हाशिद शाबी को रमादी के पूरब में स्थित अल-सजारिया इलाके से बाहर निकाल लिया गया और वे निकट में स्थित हब्बानियाह हवाई ठिकाने में दाखिल हो गए। सूत्र के मुताबिक यह कदम इस इलाके में आईएस के खिलाफ आगामी हमलों के मद्देनजर उठाया गया है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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