आध्यात्म
करवा चौथः आपके शहर में कब दिखेगा चांद, देखें पूरी लिस्ट
नई दिल्ली। आज यानी गुरूवार को पूरे देश में करवा चौथ का त्योहार आज मनाया जा रहा है। करवा चौथ पर पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है।
वह रात को चांद का दीदार करने के बाद ही कुछ ग्रहण करती हैं। इस त्योहार में चांद का विशेष महत्व है। पूरे दिन भूखी-प्यासी रहने वाली महिलाओं को शाम को चांद निकलने का इंतजार रहता है। आज हम आपको बताएंगे कि आपके शहर में कब महिलाएं चांद का दीदार कर सकती हैं।
यूपी
– नोएडा- 8:16 PM
– लखनऊ- 8:04 PM
– वाराणसी – 7:58 PM
– कानपुर – 8:07 PM
– गोरखपुर-8:21 PM
– इलाहबाद – 8:03 PM
बरेली- 8:20 PM
– मेरठ- 8:13 PM
– आगरा- 8:16 PM
– बहराइच- 8:00 PM
– फैजाबाद- 7:59 PM
– झांसी- 8:16 PM
उत्तराखंड
– देहरादून में कितने बजे निकलेगा चांद- 8:10 PM
-ऋशिकेष में कितने बजे निकलेगा चांद- 8:09
बिहार और झारखंड
– पटना- 7:49 PM
– मधुबनी- 7: 44 PM
– मुजफ्फरपुर- 7: 47 PM
– रांची- 7:52 PM
– कटिहार- 7:39 PM
दिल्ली
कितने- 8.16 PM (दिल्ली से सटे इलाकों में भी लगभग इस समय चांद निकलेगा)
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़
– भोपाल- 8:25 PM
– इंदौर- 8:32 PM
– रायपुर-8:11 PM
– मुरैना-8:17 PM
– जबलपुर-8:14 PM
राजस्थान-
– जयपुर – 8:29 PM
– जोधपुर – 8:38 PM
– अजमेर – 8:31 PM
– अलवर – 8:20 PM
– बीकानेर – 8:33 PM
पंजाब-हरियाणा-चंडीगढ़-
– चंडीगढ़- 8:14 PM
– अमृतसर- 8:20 PM
– गुरुग्राम में- 8:17 PM
– सोनीपत- 8:16 PM
– झज्जर- 8:18 PM
– जिला फाजिल्का- 8:26 PM
महाराष्ट्र-
– नवी मुंबई- 8:50 PM
– पुणे – 8:47 PM
गुजरात-
– अहमदाबाद- 8:45 PM
– गांधीनगर – 8:44 PM
– जूनागढ़ – 8:56 PM
आध्यात्म
आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी
नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है
रामनवमी का इतिहास-
महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।
नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।
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