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अन्तर्राष्ट्रीय

UN में विदिशा मैत्रा ने खोली पाकिस्तान की पोल, इमरान खान की बोलती की बंद

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नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में शुक्रवार को भारत ने पूरे विश्व के सामने पाकिस्तान की पोल खोल कर रख दी। इमरान खान के लगाए गए आरोपों का जवाव देने मंच पर आईं प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने एक के बाद एक सवालों का जवाब देकर पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी।

विदिशा मैत्रा ने कहा कि इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का गलत इस्तेमाल किया है। आतंकवाद को लेकर भारत ने पाकिस्तान पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “क्या पाकिस्तान इस तथ्य की पुष्टि करेगा कि वह आज, यूएन द्वारा घोषित किए गए 130 आतंकवादियों और 25 आतंकी संगठनों का घर है?”

विदिशा मैत्रा ने आगे कहा, “क्या पाकिस्तान इस बात को मानेगा कि वह दुनिया की अकेली ऐसी सरकार है जो यूएन द्वारा प्रतिबंधित अल-कायदा और आईएसआईएस के एक आतंकवादी को पेंशन देती है। क्या पाकिस्तान समझा सकता है कि क्यों यहां न्यूयॉर्क में उसके हबीब बैंक पर टेरर फाइनेंसिंग के लिए जुर्माना लगाया गया और फिर क्यों बैंक बंद करना पड़ा।” विदिशा मैत्रा ने यह भी कहा कि क्या पाकिस्तान इस बात को झुठला सकता है कि वह ओसामा बिन लादेन का खुला समर्थक था।

विदिशा मैत्रा ने यूएन में पाकिस्तान में हो रहे अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का मुद्दा भी उठाया। मैत्रा ने कहा, “पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की तादाद आज महज 3 फीसदी रह गई है, जो कभी 1947 में 23 फीसदी थी। ईसाइयों, सिखों, अहमदियाओं, हिंदुओं, पश्तूनों, सिंधियों और बलूचों पर ईशनिंदा के कानूनों के जरिए अत्याचार किया जा रहा है और जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।”

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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