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उत्तराखंड

सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की खनन विभाग की समीक्षा, दिए अहम निर्देश

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने खनन विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए हैं कि खनन से राजस्व के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए शासन व जिला स्तर पर लगातार समीक्षा की जाए। खनन पट्टों के संबंध में जिलों में आ रही समस्याओं से शासन को अवगत कराया जाए। गुरूवार को मुख्यमंत्री, सचिवालय में सीएम डैश बोर्ड में निर्धारित की-प्रोग्रेस इंडिकेटर के आधार पर खनन विभाग की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन के लिए विभिन्न स्तरों पर आवश्यक औपचारिकताओं को बिना किसी विलम्ब के पूरा किया जाना चाहिए। केवल पत्राचार न करके व्यक्तिगत तौर पर फॉलोअप जरूरी है। मुख्यमंत्री स्तर पर प्रत्येक महीने और अपर मुख्य सचिव स्तर पर प्रत्येक सप्ताह समीक्षा की जाए। वन विकास निगम को खनन राजस्व के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अधिक सक्रियता से काम करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) में प्राप्त राशि का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों में वहां के लोगों के हित में किया जाना है। इस कोष में प्राप्त राशि का उपयोग आंगनबाड़ी केंद्र बनवाने, पेयजल लाईनों को सुधारने, स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था करने व दूरस्थ क्षेत्रों में टेली मेडिसिन की व्यवस्था में किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता हो तो विभाग के ढांचे में विशेषज्ञ रखें जाएं।

पर्यावरणीय स्वीकृतियों के लिए प्रस्ताव भेजने में कमी नहीं रहनी चाहिए। खनन से राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को पाने के लिए खासतौर पर चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर व नैनीताल पर विशेष ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध खनन/परिवहन/भण्डारण पर पेनल्टी के लम्बित प्रकरणों को समयबद्धता से जल्द निस्तारित किया जाए। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता से लेते हुए अधिरोपित राशि की वसूली सुनिश्चित की जाए। स्टेट एनवायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट ऑथोरिटी (सिआ) में प्रकरणों के संबंध में संबंधित अधिकारियों को एक जगह बैठाकर औपचारिकताओं को पूरा कराया जाए।

बताया गया कि जीआईएस आधारित माईनिंग सर्विलांस साफ्टवेयर व आमजन शिकायत कर सकें, इसके लिए मोबाईल एप विकसित किया जा रहा है। खनिजों के परिवहन की रियल टाईम मॉनिटरिंग हेतु जीपीएस आधारित व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम भी विकसित किया जा रहा है। इसी प्रकार ई रवन्ना वैब एप्लीकेशन का 2।0 वर्जन निर्माणाधीन है। बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव अमित नेगी, अपर सचिव डा मेहरबान सिंह बिष्ट सहित खनन, वन विकास निगम, जीएमवीएन, केएमवीएन, वन विभाग के अधिकारी और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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