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अयोध्या मामले पर जल्द आ सकता है फैसला, एक महीने के अंदर बहस पूरी करना चाहते हैं CJI

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या भूमि विवाद मामले को लेकर 26वें दिन सुनवाई शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ इस बात पर विचार कर रही है कि अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी होने में और कितना समय लगेगा।

बुधवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी कर लेंगे।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि एक महीने में बहस पूरी करने के लिए सभी पक्षों को कोशिश करनी पड़ेगी। जरूरत पड़ी तो हम शनिवार को भी सुनवाई के लिए तैयार हैं। इसके बाद हमें फैसला लिखने के लिए चार हफ्तों का समय मिलेगा।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि मध्यस्थता को लेकर पत्र मिला। अगर पक्ष आपसी बातचीत से मसले का समझौता करना चाहते है तो इसे कोर्ट के समक्ष रखे। आप मध्यस्थता कर सकते हैं। इसकी गोपनीयता बनी रहेगी।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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