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पुलवामा हमले की आतंरिक जांच रिपोर्ट में हुआ ऐसा खुलासा, जानकर चौंक जाएंगे आप

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नई दिल्ली। 14 फरवरी को जम्मू-कश्‍मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। अब इस हमले की आतंरिक जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाली बातें सामने आई है।

सीआरपीएफ के आंतरिक जांच रिपोर्ट में इंटेलीजेंस फेल्‍योर को पुलवामा हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। सीआरपीएफ के आंतरिक रिपोर्ट के मुताबिक, 14 फरवरी को CRPF के काफिले पर हमले में खुफिया एजेंसी की विफलता थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, IED से हमले के बारे में सामान्य चेतावनी थी, लेकिन कार से आत्मघाती हमले को लेकर कोई विशेष खतरा नहीं बताया गया था। किसी भी खुफिया एजेंसी ने इस तरह के इनपुट को साझा नहीं किया था।

आंतरिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों को इतने बड़े हमले का अंदाजा नहीं था इस लिए इस संबंध में सिर्फ एक सामान्य चेतावनी जारी की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, घाटी में किसी भी खुफिया एजेंसी ने ऐसे इनपुट साझा नहीं किए थे।

सीआरपीएफ की आंतरिक रिपोर्ट में कई सुरक्षा की नजर से कई खामियां गिनाई गई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 14 फरवरी को जिस सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ, उसमें 78 वाहन थे।

काफिले में 2547 जवान जम्मू से श्रीनगर के लिए रवाना हुए थे। काफिले को दूर से ही पहचानना आसान था। रिपोर्ट के अनुसार, काफिले की आवाजाही के दौरान नागरिक वाहन को जाने की इजाजत देना भी महंगा साबित हुआ रिपोर्ट के अनुसार, भारी बर्फबारी के कारण 4 फरवरी के बाद से कोई भी वाहन जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर नहीं चल रहा था।

14 फरवरी 2019 को दोपहर बाद करीब 3.30 बजे सीआरपीएफ की बस HR 49F 0637 of 76 पर विस्‍फोटकों से लदी कार के द्वारा आत्मघाती हमला किया गया। काफिले में यह बस 5वें नंबर पर थी।

हालांकि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का इस दौरान पालन किया गया था। नियम के मुताबिक हर 4 गाड़ियों के बीच में लंबी दूरी होनी चाहिए। इसका पालन किया गया था और इसी वजह से इसका असर सिर्फ एक गाड़ी पर हुआ।

 

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रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

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लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

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